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बजट-2023 से उम्मीदें:केप्री ग्लोबल कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर बोले- मुद्रा स्कीम के तहत लोन लिमिट 10 लाख से ज्यादा हो

4 महीने पहले
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केप्री ग्लोबल कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश शर्मा के मुताबिक, MSME सेक्टर की लोन डिमांड बढ़ रही है। इसे पूरा करने के लिए वित्त मंत्री मददगार नीतियों की घोषणा कर सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमी बेहद कम संसाधन पर MSME (छोटे-मोटे उद्योग) चलाती हैं। इस लिहाज से प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAI) जैसे टारगेटेड फाइनेंस प्लान यदि महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME के लिए घोषित किया जाए उन्हें काफी मदद मिलेगी।

इसके तहत 10 लाख रु. या इससे ज्यादा के लोन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) स्कीम के तहत लोन की सीमा 10 लाख रु. है। बजट में इसे बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसा करने से एमएसएमई सेक्टर की लोन डिमांड पूरा करने में मदद मिलेगी।

उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी- राजेश शर्मा
बजट में सरकार NBFC के अंडरराइटिंग मानदंड को लेकर दिशानिर्देश भी जारी कर सकती हैं। सुरक्षित और असुरक्षित लोन के लिए वर्गीकरण, लोन जारी करने की समयसीमा, दस्तावेजों की जरूरत व लोन की रकम के स्पष्ट दिशानिर्देश होना चाहिए। इससे माइक्रो लेवल के उद्यमियों के लिए 10 से 50 लाख तक की फंडिंग आसान हो जाएगी।

बजट में सरकार गोल्ड लोन भी सुलभ बना सकती है। गोल्ड लोन केंद्रित NBFC 1 लाख रु. तक के कर्ज मुहैया कराते हैं। उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी। ऐसा करने से बैंकों के लिए एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों) को रियायती दरों पर कर्ज देने की राह निकलेगी। इससे ग्राहकों को कम दरों पर लोन मिल सकेगा।

ब्याज दरें बढ़ीं, होम लोन पर टैक्स छूट भी बढ़े
सरकार को पीएमएवाई क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत बढ़ी हुई फंडिंग के जरिए अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा ऊंची दरों वाले दौर में होम लोन की डिमांड बढ़ाने के मकसद से ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट की मौजूदा 2 लाख की सीमा और लोन की मूल राशि की लिमिट बढ़ाने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

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