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- Budget 2023; If The Tax Slab Is Changed According To Inflation, Then You Can Get Relief
बजट-2023 से उम्मीदें:टैक्स स्लैब महंगाई के हिसाब से बदलें तो मिल सकती है राहत
नौकरीपेशा व्यक्ति की सबसे बड़ी फिक्र इनकम टैक्स है। जितना पैसा बचता है, टैक्स में चला जाता है। बैंक बाजार डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी मौजूदा टैक्स स्लैब और महंगाई के बीच फंसा है। 5 लाख से अधिक आय वाले टैक्स स्लैब आखिरी बार 2013-14 में बदले गए थे।
इस बीच महंगाई सूचकांक 50.45% बढ़ चुका है। यानी 2013-14 में जो चीज 100 रुपए की थी, वह अब 150.45 रुपए की है। रिपोर्ट में महंगाई सूचकांक (CII) और इनकम टैक्स की तुलना कर बताया गया है कि 5 लाख रु. से अधिक कमाने वाले लोगों को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है। यह राशि टैक्स स्लैब बढ़ने के साथ बढ़ती जा रही है।
इसे 3 उदाहरणों से समझिए
- 5 लाख की आय पर 2013-14 में 28,840 रु. टैक्स था। 2022-23 में शून्य है। महंगाई से जोड़ें तो 19,169 टैक्स बनता है। यानी सिर्फ इन्हें ही लाभ।
- 2013-14 में कटौती के बाद आय 10 लाख रु. थी, तो 1.33 लाख टैक्स चुका रहे थे। 2022-23 में 1.17 लाख टैक्स चुकाएंगे। महंगाई से जोड़ें तो 88,997 रु. बनता है। यानी 28,003 रु. ज्यादा दे रहे।
- 10 साल पहले 12 लाख की आय पर 1,95,700 रुपए टैक्स दे रहे थे। 2022-23 में 1.79 लाख टैक्स बनता है। महंगाई से जोड़ें तो यह 1,30,073 रु. बनता है। 49,327 रु. अधिक टैक्स दे रहे।
20% वाला स्लैब 7.5 से 15 लाख+ हो, 30% स्लैब 15 लाख+ हो
अधिकतर लोग पुरानी स्लैब व्यवस्था में, उसमें भी 50% का इजाफा हो
- कई अन्य रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि चूंकि अधिकतर लोगों ने पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुन रखा है, इसलिए सरकार को टैक्स स्लैब बदलना चाहिए। पुरानी व्यवस्था में स्लैब 50% बढ़ने चाहिए।
- 80 सी कटौती की सीमा डेढ़ लाख से बढ़कर 2 लाख होनी चाहिए।