वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वह घर गहने बेच रही है। उन्होंने रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में देश के प्रमुख कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पहली बार विनिवेश को लेकर एक स्पष्ट नीति बनाई है, ताकि जनता के टैक्स के पैसे का अच्छा इस्तेमाल हो। सरकार चाहती है कि कुछ खास सेक्टर में ही कुछ गिनी-चुनी सरकारी कंपनियां हों और वे अच्छा परफॉर्म करें।
सीतारमण ने कहा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि हम घर के गहने बेच रहे हैं, ऐसा नहीं है। घर की कीमती चीज को मजबूत किया जाता है। अभी इनकी संख्या काफी ज्यादा है और वे कमजोर हालत में हैं। जो अच्छा काम कर रहे हैं, उन पर हम ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। सरकारी कंपनियों की संख्या घटनी चाहिए और उनका आकार बढ़ना चाहिए।
बजट में दो सरकारी बैंकों के रणनीतिक विनिवेश की हुई है घोषणा
1 फरवरी को 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि अगले कारोबारी साल में IDBI बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों का रणनीतिक विनिवेश किया जाएगा। एक सरकारी साधारण बीमा कंपनी का भी निजीकरण किया जाएगा। रणनीतिक विनिवेश का सीधा मतलब है निजीकरण।
देश को SBI के आकार के कम से कम 20 बैंकों की जरूरत
बैंकिंग सेक्टर के बारे में उन्होंने यह भी कहा कि विकास के लिए देश को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आकार के कम से कम 20 बैंकों की जरूरत है। बजट में उन्होंने कहा था कि रणनीतिक सेक्टर में सिर्फ सरकार ही नहीं रहेगी, बल्कि प्राइवेट सेक्टर भी रहेगा। सरकार उन्हीं रणनीतिक सेक्टर्स में रहेगी, जहां बहुत जरूरी होगा।
कोविड सेस लगाने पर सरकार ने कभी विचार नहीं किया
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कभी भी कोविड-19 टैक्स या सेस लगाने पर विचार नहीं किया। पता नहीं इसे लेकर मीडिया में चर्चा कैसे शुरू हुई। उन्होंने कहा कि जब दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाएं इस महामारी से संघर्ष कर रही थीं, हमने इससे बचाव का रास्ता ढूंढ लिया था।
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