अजय तिवारी
गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का असर CNG वाहनों की बिक्री पर भी नजर आ रहा है। मार्च में अपने उच्चतम स्तर 35,069 पर पहुंचने के बाद CNG+पेट्रोल से चलने वाली कारों की बिक्री मई में 11.58% की गिरावट के साथ 31,008 रह गई। जानकार इसके पीछे CNG के दाम बढ़ने को मुख्य वजह बता रहे हैं। इसी दौरान, पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की बिक्री 12.88 लाख से बढ़कर 13.56 लाख हो गई।
कई शहरों में दाम 85 रुपए के पार हुई CNG
सालाना आधार पर CNG के दाम 74% से ज्यादा बढ़ चुके हैं। कई शहरों में दाम 85 रुपए के पार हैं। बीते साल दिल्ली में CNG का दाम 43.40 रुपए प्रति किलो था, जो अब 75.61 रुपए है। मार्च से अब तक CNG 18-20 रुपए प्रति किलो महंगी हो चुकी है। जबकि इस दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्रमश: 1.31 और 3 रुपए प्रति लीटर की ही तेजी आई है।
CNG से गाड़ी चलाना भी अब महंगा हुआ
इंडियन ऑटो LPG कोएलिशन के महानिदेशक सुयश गुप्ता ने कहा 'CNG की कीमत पिछले कुछ दिनों में लगभग 18 से 20 रुपए बढ़ चुकी है। CNG गैस और CNG किट के महंगे होने से CNG एक वैकल्पिक ईधन के रूप में वाहन चालकों के लिए महंगी होती जा रही है।'
CNG महंगी होने से अब कम फायदा बचा
आटो इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, CNG कारों की कीमत पहले ही पेट्रोल कारों की तुलना में 1 लाख रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक महंगी होती हैं। साथ ही CNG के सिलेंडर के चलते बूट स्पेस भी कम हो जाता है। अब CNG के दाम बढ़ने के बाद ग्राहकों को लग रहा है कि जब CNG और डीजल की तुलना में बहुत अंतर नहीं है, तो एकमुश्त अधिक कीमत क्यों चुकाना? देश में मारुति सुजुकी CNG कारों की सबसे बड़ी विक्रेता है। इसके अलावा ह्युंडई और टाटा भी CNG गाड़ियां बेचते हैं।
सरकार को CNG की कीमतों पर नियंत्रण रखना चाहिए
ऑटो एक्सपर्ट संजीव गर्ग कहते हैं कि गाड़ियों के दाम ज्यादा होने के बावजूद किफायती रनिंग कॉस्ट होने की वजह से पिछले कुछ समय से CNG वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही थी, लेकिन CNG के दाम बढ़ने के बाद अब इनकी बिक्री पर असर पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को CNG की कीमतों पर नियंत्रण रखना चाहिए।
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