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कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते डेटा की मांग बढी है। मार्च से मध्य जुलाई तक देश में डेटा की खपत में 497 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। डेटा खपत मुख्य रूप से ओटीटी और वीडियो यानी वीओडी प्लेटफॉर्म पर हो रहा है। इसका मतलब यह कि लोग घरों में बैठकर मोबाइल या सिस्टम पर डेटा का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं।
फ्रैंकफर्ट स्थित इंटरनेट एक्सचेंज के अनुसार, फरवरी 2020 के मुकाबले मार्च और अप्रैल के बीच डे-सिक्स, ओटीटी और वीडियो यानी वीओडी प्लेटफॉर्म पर पर डेटा की खपत में 249% की वृद्धि हुई थी। वहीं, मार्च से 18 जुलाई के दौरान डेटा की खपत की मांग 947% ज्यादा बढ़ गई।
नवंबर तक खपत पैटर्न पहले जैसा ही रहने वाला है
नोकिया का वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडिया ट्रैफिक इंडेक्स (फरवरी 2020) की रिपोर्ट के मुताबिक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ग्राहक औसतन 70 मिनट प्रति दिन खर्च करता है। FE, DE-CIX इंडिया के वरिष्ठ वीपी सुधीर कुंदर ने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक आपको 900% की बढ़त दिखाई देगी लेकिन खपत पैटर्न पहले जैसा ही रहने वाला है। इसका कारण है कि महामारी ने लोगों की लाइफस्टाइल को बदल दिया है। ज्यादातर लोग अब सोशल डिस्टेंसिंग के चलते कम ही बाहर निकलेंगे और अधिकतर कंपनियों के वर्क फॉर्म होम भी साल के अंत तक के लिए कर दिया गया है।
25 जीबी पहुंच सकती है प्रति व्यक्ति मासिक डेटा खपत
टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली प्रमुख कंपनी एरिक्सन मोबेलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति व्यक्ति मासिक डेटा खपत 2025 तक प्रति माह 25 जीबी तक पहुंच सकती है। वर्ष 2019 में यह 12 जीबी प्रति माह थी जो वैश्विक स्तर पर इंटरनेट (डेटा) का सबसे अधिक उपयोग है। जून 2020 की 'मोबिलिटी रिपोर्ट' में कहा है कि इसकी प्रमुख वजह देश में मोबाइल इंटरनेट का सस्ता होना और लोगों की आदत में वीडियो देखना शामिल होना है।
प्रति स्मार्टफोन सबसे अधिक मासिक डेटा खपत रहेगी
रिपोर्ट के मुताबिक देश में इंटरनेट खपत की रफ्तार आगे भी बनी रहेगी। साथ ही प्रति स्मार्टफोन सबसे अधिक मासिक डेटा खपत रहेगी। रिपोर्ट की मानें तो देश में केवल चार प्रतिशत घरों में ही ब्रॉडबैंड लाइन है। ऐसे में इंटरनेट तक पहुंचने के लिए मुख्य जरिया स्मार्टफोन ही है। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के कार्यकारी एडिटर और स्ट्रेटेजिक मार्केटिंग के प्रमुख प्रतीक सरवाल ने कहा कि देश में इंटरनेट का उपयोग 2025 तक तिगुना होकर 21 ईबी (एक्जाबाइट) होने का अनुमान है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या बढ़ी
इसकी वजह देश में ग्रामीण क्षेत्रों समेत स्मार्टफोन यूजर्स की कुल बढ़ती संख्या और प्रति स्मार्टफोन औसत इंटरनेट उपयोग में वृद्धि होना है। उन्होंने कहा कि देश में 2025 तक 41 करोड़ स्मार्टफोन और जुड़ने की संभावना है। ऐसे में 2025 तक देश में प्रति व्यक्ति मासिक डेटा खपत बढ़कर 25 जीबी होने का अनुमान है। फ्रैंकफर्ट इंटरनेट एक्सचेंज दुनिया का अग्रणी इंटर कनेक्शन प्लेटफॉर्म है, जो 9 टेराबिट्स प्रति सेकंड (Tbs) पीक ट्रैफिक का प्रबंधन करता है। भारत में यह मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता में एक्सचेंज संचालित करता है। कुंदर ने बताया कि डेटा की मांग हर दिन बढ़ रही है। उदाहरण के लिए, अप्रैल में एक प्रमुख टेल्को ने लगभग 4 लाख डोंगल बेचा है।
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