मंगलवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ खुले। डाउ जोंस 0.63 फीसदी की बढ़त के साथ 153 अंक ऊपर खुला। नैस्डैक 0.56 फीसदी की बढ़त के साथ 51 अंक ऊपर और और एसएंडपी 0.48 फीसदी की बढ़त के साथ 14 अंक ऊपर खुला। बाजार खुलते समय डाउ जोंस 24375, नैस्डैक 9243 और एसएंडपी 2944 अंक पर कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को दुनियाभर के लगभग सभी बाजारों में गिरावट का माहौल रहा। कनाडा का एसएंडपी टीएसएक्स 0.39 अंक और मैक्सिको का आईपीसी 8 अंक ऊपर बंद हुआ। वहीं, जापान का निक्केई 24 अंक, चीन का शंघाई कम्पोसिट 3 अंक, हॉन्ग-कॉन्ग का हैंग सैंग 365 अंक, भारत का निफ्टी 42 अंक और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 13 अंक नीचे गिरकर बंद हुए। फिलहाल फ्रांस का CAC 40 और रूस का MICEX गिरावट में कारोबार कर रहे है जबकि इटली, जर्मनी के बाजारों में बढ़त बनी हुई है।
सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुआ था डाउ जोंस
सोमवार को डाउ जोंस 0.45 फीसदी यानी 109 अंक की गिरावट के साथ 24222 अंक पर बंद हुआ था।
नैस्डैक 0.78 फीसदी यानी 71 अंक की बढ़त के साथ 9192 अंक पर और एसएंडपी 0.01 फीसदी यानी 0.39 अंक की बढ़त के साथ 2930 अंक पर बंद हुआ था।
अमेरिका: कोरोना अदृश्य दुश्मन: ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना को अदृश्य दुश्मन बताया है। उन्होंने कहा कि कि इस हफ्ते देश में 1 करोड़ लोगों का टेस्ट कर लिया जाएगा। यह संख्या किसी भी दूसरे देश से दोगुनी है। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में कहा कि हम दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, स्वीडन, फिनलैंड और कई अन्य देशों की तुलना में प्रति व्यक्ति ज्यादा लोगों का टेस्ट कर रहे हैं। सोमवार सुबह तक देश में 90 लाख टेस्ट किया जा चुका है।
संक्रमण के बीच भी राजनीति जारी
कोरोना से अमेरिका से बुरी तरह प्रभावित है। इसके बावजूद यहां पर राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। अप्रैल महीने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के लिए 61 मिलियन (करीब 462 करोड़ रु.) जुटाए हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन और डेमोक्रेट्स पार्टी के नेता जो बिडेन 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर(करीब 455 करोड़ रु.) जुटाने में सफल रहे। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवम्बर को होगा।
कोरोना की वजह से वर्चुअली फंड जुटा रही हैं पार्टियां
अमेरिका में कोरोना से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। करीब 3 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। संक्रमण से बचने के लिए लोगों के एक जगह जुटने पर पाबंदियां लगाई गई हैं। इसका असर राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार भी नजर आ रहा है। रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियां अब तक एक भी चुनावी सभा नहीं कर पाई हैं। हालांकि, दोनों ही पार्टियां वर्चुअली फंड जुटा रही हैं। ऑनलाइन माध्यमों से समर्थक अपने पसंदीदा नेताओं के चुनाव के लिए फंडिंग कर रहे हैं।
मंगलवार को भी भारतीय बाजार में गिरावट रही
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