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आत्मनिर्भर पैकेज का तीसरा चरण:मत्स्य पालन, पशुपालन और मधुमक्खी पालन उद्योग के लिए वित्त मंत्री ने 53,343 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया

नई दिल्ली3 वर्ष पहले
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मत्स्य संपदा योजना को दिए गए 20,000 करोड़ रुपए में से 11,000 करोड़ रुपए मेराइन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर गतिविधियों के लिए दिए जाएंगे। शेष 9,000 करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्र्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे - Dainik Bhaskar
मत्स्य संपदा योजना को दिए गए 20,000 करोड़ रुपए में से 11,000 करोड़ रुपए मेराइन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर गतिविधियों के लिए दिए जाएंगे। शेष 9,000 करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्र्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे
  • मत्स्य उद्योग के एकीकृत, टिकाऊ और समावेशी विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लांच करेगी सरकार
  • पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपए का एनीमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्र्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनेगा
  • 13,343 करोड़ रुपए का राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम हुआ लांच, मवेशियों में मुंहपका और खुड़पका रोग तथा ब्रुसेलोसिस की होगी रोकथाम
  • मधुमक्खी पालन के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का पैकेज, उद्यमियों की बढ़ेगी आय, उपभोक्ताओं को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शहद

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के तीसरे हिस्से पर से पर्दा उठाया। उन्होंने कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर फोकस करते शुक्रवार मत्स्य उद्योग के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया। सीतारमण ने कहा कि इस पैकेज को लागू करने से मत्स्य उद्योग का निर्यात बढ़कर दोगुना हो जाएगा। इसके साथ ही 50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां हम जानेंगे कि इस योजना में क्या, किसे, कितना, कब और कैसे मिलेगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लांच करेगी सरकार
क्या है योजना :
मत्स्य उद्योग के एकीकृत, टिकाऊ और समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लांच होगी

कितना मिलेगा : सरकार ने इस योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसमें से 11,000 करोड़ रुपए मेराइन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर गतिविधियों के लिए दिए जाएंगे। शेष 9,000 करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्र्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे, जिसमें फिशिंग हार्बर्स, कोल्ड चेन, बाजार, आदि शामिल हैं।

किसे मिलेगा : मछुआरों और मत्स्य पालन उद्यमियों को मिलेगा योजना का लाभ। 55 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार।

कैसे मिलेगा : केज कल्चर, सी विड फार्मिंग, ओर्नामेंटल फिशरीज और नए फिशिंग वेसल्स, ट्रेसेबिलिटी, लैबोरेटरी नेटवर्क, आदि गतिविधियों पर पैसा होगा खर्च। जिस अवधि में मछुआरे मछली नहीं पकड़ते, उस अवधि में मछुआरों को सहयोग दिया जाएगा। मछुआरों और उनके बोट का बीमा किया जाएगा।

क्या होगा फायदा : अगले 5 साल में 70 लाख टन का अतिरिक्त मछली उत्पादन होगा। 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। मत्स्य निर्यात दोगुना होकर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

किस क्षेत्र पर होगा फोकस : इस योजना के तहत इनलैंड, हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर और एस्पिरेशनल जिलों पर मुख्य फोकस रहेगा।

कृषि निर्यात में मत्स्य व मत्स्य उत्पादों का है अहम योगदान

फूड प्रोडक्शन मे फिशरीज और एक्वाकल्चर सेक्टर का महत्वपूर्ण स्थान है। पोषण सुरक्षा देने के साथ ही यह सेकटर 1.4 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। यह सेक्टर कृषि निर्यात में भी अहम भूमिका निभाता है। कृषि निर्यात में मत्स्य व मत्स्य उत्पाद का योगदान वॉल्यूम के लिहाज से 13.77 लाख टन और वैल्यू के लिहाज से 45,106.89 करोड़ रुपए का है। यह कुल निर्यात का 10 फीसदी और कृषि निर्यात का करीब 20 फीसदी है। यह सेक्टर देश की जीडीपी में 0.91 फीसदी योगदान करता है।

पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपए का एनीमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्र्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनेगा
क्या मिलेगा :

15,000 करोड़ रुपए का कोष बनेगा

क्या है मकसद : दुग्ध प्रसंस्करण, वैल्यू एडीशन और कैटल फीड इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश को बढ़ावा देने है मकसद। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर दूध का उत्पादन होता है। इन क्षेत्रों में दूध उत्पादन में निजी निवेश में बड़ी संभावना है।

किसे मिलेगा : पशुपालन क्षेत्र के उद्यमियों को

कैसे मिलेगा : खास उत्पादों के निर्यात से जुड़े प्लांट लगाने के लिए मिलेगा प्रोत्साहन

कब मिलेगा : इस बारे में कोई समय सीमा नहीं दी गई।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम हुआ लांच, मवेशियों में मुंहपका और खुड़पका रोग तथा ब्रुसेलोसिस की होगी रोकथाम
क्या मिला :

13,343 करोड़ रुपए इस कार्यक्रम के लिए दिए गए

क्या है मकसद : मवेशियों में मुंहपका और खुड़पका रोग तथा ब्रुसेलोसिस की रोकथाम

किसे मिलेगा : पशुपालकों को होगा इस योजना का लाभ

कैसे मिलेगा : मवेशियों में मुंहपका और खुड़पका रोग तथा ब्रुसेलोसिस की रोकथाम के लिए मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और पिग (कुल 53 करोड़ पशु) का 100 फीसदी वैक्सिनेशन सुनिश्चित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अभी तक 1.5 करोड़ गायों और भैंसों को टैग और वैक्सिनेटेड कर लिया गया है।

कब मिलेगा : कोई समय सीमा नहीं बताई गई।

मधुमक्खी पालन के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का पैकेज, उद्यमियों की बढ़ेगी आय, उपभोक्ताओं को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शहद
क्या मिला :

500 करोड़ रुपए

क्या है मकसद : सरकार एक योजना लागू करेगी। इसके तहत इंटीग्रेटेड बीकीपिंग डेवलपमेंट सेंटर, कलेक्शन, मार्केटिंग एंड स्टोरेज सेंटर, पोस्ट हार्वेस्ट एंड वैल्यू एडीशन केंद्र, आदि से संबंधित इंफ्रास्टक्चर विकास किया जाएगा।

किसे मिलेगा : मधुमक्खी पालकों को मिलेगा लाभ। खास तौर से महिलाओं में कैपेसिटी बिल्डिंग का काम किया जाएगा।

कैसे मिलेगा : स्टैंडर्ड एंड डेवलपिंग ट्र्रेसेबिलिटी सिस्टम को कार्यान्वित किया जाएगा। गुणवत्तापूर्ण न्यूक्लियस स्टॉक और मधुमक्खी पालकों का विकास किया जाएगा।

क्या होगा फायदा : दो लाख मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ेगी। उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता वाला शहद मिलेगा।

कब मिलेगा : समय पर सीमा का कोई उल्लेख नहीं।

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