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गोल्ड इम्पोर्ट:सोने के आयात में 3.3% की कमी, लेकिन इससे दाम गिरने की संभावनाएं कम

नई दिल्ली2 वर्ष पहले
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2020-21 के पहले 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में सोने का इम्पोर्ट (आयात) 3.3% घटकर 26.11 अरब डॉलर (1.90 लाख करोड़ रुपए) रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में सोने का इम्पोर्ट 27 अरब डॉलर (1.97 लाख करोड़ रुपए) रहा था। हालांकि इससे सोने के दाम में कमी आने की संभावना कम ही है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड आयातक देश है।

फरवरी में आयात बढ़ा
हालांकि फरवरी में सोने का इम्पोर्ट पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। फरवरी 2021 में 5.3 अरब डॉलर (38.69 हजार करोड़ रुपए) कीमत का सोने का इम्पोर्ट हुआ, जो पिछले साल समान महीने में 2.36 अरब डॉलर (17.23 हजार करोड़ रुपए) था। अप्रैल-फरवरी के दौरान चांदी का इम्पोर्ट भी 70.3% घटकर 78.07 करोड़ डॉलर (5,694 लाख करोड़ रुपए) पर आ गया।

2020 में 1.88 लाख करोड़ रु. के सोने की खपत हुई
पिछले साल देश में 1.88 लाख करोड़ रुपए के सोने की खपत हुई। यह पिछले साल के मुकाबले 14% कम है। साल 2019 में 2.17 लाख करोड़ रुपए के सोने की खपत हुई थी।

व्यापार घाटा कम हुआ
आंकड़ों के अनुसार सोने के इम्पोर्ट में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है। चालू वित्त वर्ष के पहले 11 माह में व्यापार घाटा कम होकर 84.62 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 151.37 अरब डॉलर रहा था।

जब कोई देश निर्यात की तुलना में इम्पोर्ट अधिक करता है तो उसे व्यापार घाटा या (ट्रेड डेफिसिट) कहते हैं। इसका मतलब यह है कि वह देश अपने लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर पा रहा है, इसलिए उसे दूसरे देशों से इनका इम्पोर्ट करना पड़ रहा है।

2020 में सोने का आयात 47% घटा
देश में सोने के इम्पोर्ट में 2020 में 344.2 टन रहा जो पिछले साल के मुकाबले 47% कम रहा। 2019 में ये 646.8 टन था। हालांकि त्योहारी सीजन यानी अक्टूबर-दिसंबर में सोने की डिमांड में पिछले साल के मुकाबले 19% का उछाल आया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड आयातक देश है। ज्वेलरी इंडस्ट्री में सोने की सबसे ज्यादा मांग रहती है। देश में सामान्य तौर पर 800 से 900 टन सोने का इम्पोर्ट होता है।

बीते 10 सालों में सोने का इम्पोर्ट

बजट में सोने के आयात पर शुल्क घटाया
सरकार ने बजट में इस पर आयात शुल्क (इम्पोर्ट ड्यूटी) में 5% की कटौती करके इसे घटाकर 7.5% कर दिया है। हालांकि, साथ ही इस पर 2.5% का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस लगाया गया है।

कंसाइनमेंट पूरा न होने के कारण गिरा आयात
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि इम्पोर्ट कम होने का मतलब हर बार मांग कम होना नहीं होता है। अभी कोरोना के कारण कंसाइनमेंट पूरा होने में परेशानी हो रही है। यूरोप के कई देशों में फिर से लॉकडाउन लगने वाला है। ऐसे में आगे भी कंसाइनमेंट पूरा होने में परेशानी आ सकती है। सोने का इम्पोर्ट कम होने का यही मुख्य कारण है। अब शादी को सीजन शुरू हो चुका इस कारण भी सोने की में बढ़त देखने को मिल रही है।

इस साल के आखिर तक 52 हजार तक जा सकता है सोना

इसके अलावा मई में अक्षय तृतीया भी है उससे भी सोने की मांग बढ़ेगी और सोने के दाम बढ़ सकते हैं। अनुज गुप्ता के अनुसार इसके चलते सोने के दाम एक बार फिर 52 हजार रुपए पर पहुंच सकते हैं। ऐसे में अगर कोई निवेशक गोल्ड में निवेश करना चाहता है तो ये सही समय हो सकता है।

पिछले हफ्ते सोना 673 रुपए से ज्यादा महंगा हुआ
12 मार्च शुक्रवार को जो जब पिछले हफ्ते बाजार बंद हुआ था तब सोने का भाव 44332 रुपए था जो अब 45,005 हजार रुपए पर है। यानी 15 से 18 मार्च तक ही सोना 673 रुपए बढ़ गया है। अभी इसके और बढ़ने के चांस हैं। 5 मार्च को सोना 43,887 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया था। ऐसे में तक से अब तक सोना करीब 1,118 रुपए महंगा हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि शादियों का सीजन शुरू होने वाला है, इस कारण सोने की मांग बढ़ने लगी है।