नए वित्त वर्ष के पहले ही दिन सोने और चांदी की चमक बढ़ी है। 1 अप्रैल को सोना 689 रुपए महंगा होकर 44,917 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं अगर चांदी की बात करें तो वो 907 रुपए बढ़कर 63,634 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। इससे पहले मार्च में सोना 1300 रुपए सस्ता हुआ था।
मार्च में 1, 292 रुपए सस्ता हुआ सोना
1 मार्च को सोना 45,520 रुपए पर था जो 31 मार्च को 44,228 रुपए पर पहुंच गया था। यानी इस महीने में ही सोना 1,292 रुपए सस्ता हो गया है। वहीं, चांदी की बात करें तो वो भी 31 मार्च को 62,727 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई थी, जो 1 मार्च को 68,877 रुपए पर थी।
कोरोना बढ़ने का सोने के दाम पर होगा असर
पृथ्वी फिनमार्ट के डायरेक्टर मनोज कुमार जैन कहते हैं कि एक बार फिर देश और दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर आ गई है। ऐसे में लंबी अवधि में सोने में बढ़त देखने को मिल सकती है। उनके अनुसार, साल के आखिर तक सोने के दाम 48 हजार रुपए पर पहुंच सकते हैं। इस ट्रेंड को इस तरह भी समझ सकते है कि मार्च की शुरुआत में सोना 44 हजार के नीचे आ गया था, लेकिन अब दाम एक बार फिर बढ़े हैं।
पिछले साल इस समय सोना 43,500 के नीचे था
अगर पिछले साल यानी 2020 की बात करें तो सोना इस समय सोना 43,474 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था। यानी एक साल में सोना 3.31% महंगा हुआ है। हालांकि इस साल अगस्त महीने से सोना अपने ऑल टाइम हाई 56,200 रुपए पर पहुंच गया था।
कोरोना की दूसरी लहर में फिर चमक सकता है सोना
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया बताते हैं कि देश के कई राज्यों में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं और यहां लॉक डाउन लगाया जाने लगा है। इससे भी लोगों में कोरोना के प्रति फिर से डर का माहौल है। इसके अलावा शेयर मार्केट में भी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में आने वाले समय में सोने में निवेश बढ़ने की पूरी संभावना है। इससे सोने की कीमत और बढ़ेगी।
बढ़ रहा गोल्ड सिल्वर रेशियो
अजय केडिया बताते हैं कि अभी गोल्ड सिल्वर रेशियो एक बार फिर से 70 के पार पहुंच गया है। गोल्ड-सिल्वर रेश्यो ये दर्शाता है कि एक औंस सोने से आप कितनी चांदी खरीद सकते हैं। अभी गोल्ड सिल्वर रेश्यो 70.50 पर है, जिसका मतलब है कि 1 औंस गोल्ड खरीदने के लिए 70.50 औंस चांदी चाहिए। इसका रेशियो 60 के आस पार रहना सही माना जाता है। पिछले साल मई जून में ये 120 के ऊपर निकल गया था।
गोल्ड सिल्वर रेशियो का ज्यादा होना अर्थव्यवस्था में अस्थिरता को दर्शाता है। चांदी का महंगा होना अर्थव्यवस्था के स्थिर या सकारात्मक होने की ओर इशारा करता है। जबकि सोने के दाम तेजी से बढ़ना अस्थिर अर्थव्यवस्था का संकेत माना जाता है। जब भी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आती है तो सोना तेजी से महंगा होता है।
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