अगर आप कार, मोटरसाइकिल और स्कूटी समेत टू व्हीलर और फोर व्हीलर गाड़ी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन से भारी दबाव और सुस्ती झेल रही भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को केंद्र सरकार बड़ी राहत दे सकती है। दरअसल, सरकार सभी तरह के व्हीकल्स पर जीएसटी रेट में 10 फीसदी कटौती करने पर विचार कर रही है।
मिनिस्टर ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सभी तरह के वाहनों पर जीएसटी रेट में 10 फीसदी कटौती करने की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की मांग पर विचार कर रही है। सरकार इसकी घोषणा जल्द ही करने वाली है।
'आपको जल्दी ही खुशखबरी मिलेगी'
ऑटो इंडस्ट्री के संगठन सियाम (SIAM) के 60वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने आश्वासन देते हुए कहा कि जीएसटी में अस्थायी कटौती की इंडस्ट्री की मांग के बारे में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव की डिटेल्स रूपरेखा तैयार कर रहा है। दुपहिया, तिपहिया, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और चौपहिया वाहनों पर फेज वाइज तरीके से राहत मिलनी चाहिए। उम्मीद है कि आपको जल्दी ही खुशखबरी मिलेगी। बता दें कि अभी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। वाहन उद्योग ने इसे घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की थी।
जीएसटी रेट घटाने को लेकर वित्त मंत्री दे चुकी हैं संकेत
बता दें कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जीएसटी काउंसिल टू-व्हीलर वाहनों पर टैक्स की दरों पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री की जीएसटी रेट को कम करने की मांग पर ध्यान दिया जाएगा। जीएसटी घटाने के सुझाव पर वित्त मंत्री ने कहा कि ये वास्तव में एक अच्छा सुझाव है, इसे GST काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा, क्योंकि टू-व्हीलर न तो लग्जरी आइटम है और न ही नुकसानदेह आइटम।
10 हजार रुपए की कटौती की संभावना
बाइक, स्कूटर, स्कूटी आदि की कीमतों में 10 हजार रुपए की कटौती हो सकती है। अगर केंद्र सरकार जीएसटी की दरों को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दे तो यह संभव है। बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने यह बात कही। बजाज ने कहा कि ऑटो सेक्टर में पहले से ही काफी दिक्कतें हैं। ऐसे में जीएसटी की दरों में कटौती से सेक्टर और ग्राहक दोनों के लिए फायदा हो सकता है।
कोरोनावायरस की वजह से इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित
कोरोनावायरस के प्रकोप से भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुई है। लॉकडाउन में वाहनों का उत्पादन पूरी तरह बंद रहा और मांग बिल्कुल ना के बराबर रहा। वाहन मैन्युफैक्चरिंग के अप्रैल की बिक्री रिपोर्ट का आंकड़ा जीरो रहा। हालांकि, अब इंडस्ट्री रिकवर कर रही है, मांग में तेजी आई है।
SIAM के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि पैसेंजर्स व्हीकल्स सेगमेंट ने पिछले दो दशकों में सबसे लंबी मंदी देखी। इसी तरह, कॉमर्शियल व्हीकल्स ने पिछले 15 वर्षों में दूसरी सबसे लंबी मंदी का सामना किया। उन्होंने कहा कि टू व्हीलर्स वाहन सेगमेंट में भी छह तिमाहियों के लिए निरंतर मंदी देखी गई है।
मारुति सुजुकी के एमडी एवं सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा कि हम कह सकते हैं कि अगस्त में हमने पिछले साल की तुलना में वापसी की है। हालांकि, पिछले साल से तुलना करना सही नहीं होगा, क्योंकि उस दौरान उद्योग ने 15-25 फीसदी की निगेटिव ग्रोथ दर्ज की थी। इसने उद्योग को कई साल पीछे कर दिया है।
सरकार लाएगी व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार को विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से इनपुट मिले हैं और इन्सेंटिव बेस्ड व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी तैयार है। जल्दी ही इसकी घोषणा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि ऑटो इंडस्ट्री जीएसटी दरों में कटौती करने और कोरोना वायरस संकट के बाद के दौर में मांग रिवाइव करने के लिए व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी को समय पर लागू करने की मांग कर रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घरेलू बाजार में वाहनों की बिक्री में 75 फीसदी की गिरावट आई।
फेस्टिव सीजन में बिक्री में आएगी तेजी
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से ऑटो इंडस्ट्री की रफ्तार थम सी गई थी। वहीं, अब ऑटो कंपनियां फेस्टिव सीजन का पूरा फायदा उठाना चाहेंगी। फेस्टिव सीजन आने वाला है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद ये माना जा रहा है कि त्योहारों से पहले टू-व्हीलर्स सस्ते हो सकते हैं। वाहन सस्ते होने के बाद इनकी मांग में तेजी आएगी।
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