एयर इंडिया (Air India) के बाद अब सरकार ने उससे जुड़ी दो और कंपनियों को बेचने की प्रोसेस शुरू कर दी है। यह दो कंपनियां एयर इंडिया की सब्सिडियरी एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIASL) और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) हैं। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी है।
अधिकारी ने कहा, "डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने AIASL और AIESL में निवेशकों की दिलचस्पी का पता लगाने के लिए बैठकें और रोड शो शुरू किए हैं। हम जल्द ही इच्छुक बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित करेंगे।"
सरकार ने टाटा ग्रुप को 18,000 करोड़ में बेची थी एयर इंडिया
कर्ज में डूबी एयर इंडिया को सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में टाटा ग्रुप को 18,000 करोड़ रुपए में बेचा था। इसके बाद एयर इंडिया को पूरी तरह टाटा ग्रुप को 27 जनवरी 2022 को सौंपा गया था।
हालांकि, एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां - एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIASL), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL), एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड (AAAL) और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (HCI) और कई नॉन-कोर एसेट्स इस डील का हिस्सा नहीं थीं।
लगभग 15,000 करोड़ रुपए मूल्य की इन सहायक कंपनियों और नॉन-कोर एसेट्स को एक SPV-एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) में ट्रांसफर कर दिया गया था। सरकार ने तब कहा था कि इन सहायक कंपनियों और नॉन-कोर एसेट्स को बाद में बेच दिया जाएगा। उस लक्ष्य की ओर, DIPAM ने AIASL और AIESL के निजीकरण के लिए निवेशक बैठकों का आयोजन किया।
विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपए जुटाएगी सरकार
पिछले साल अगस्त तक एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें से टाटा ग्रुप ने 15,300 करोड़ रुपए की देनदारी अपने ऊपर ले ली और बाकी 75% या लगभग 46,000 करोड़ रुपए AIAHL को ट्रांसफर कर दिए गए।
सरकार ने एयर इंडिया के देनदारों के साथ बकाया राशि का अपना हिस्सा चुकता कर दिया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में CPSE के विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपए जुटाने का बजट रखा है। अब तक इसने करीब 25,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
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