नोवल कोरनावायरस का असर देश की सभी कंपनियों पर हुआ है। जिसके चलते कई कंपनियां कर्मचारियों की संख्या कम करने में लगी हैं। दूसरी तरफ, हिंदुस्तान कम्प्यूटर लिमिटेड (HCL) वित्त वर्ष 2015 की योजना के अनुसार इस साल 15,000 फ्रेशर्स को जॉब देगी, लेकिन इस प्रॉसेस की गति धीमी होगी। कंपनी के इस फैसले का आईटी से जुड़ी दूसरी बड़ी कंपनियों ने सम्मान किया है।
लोअर एट्रिशन के चलते रिप्लेसमेंट की जरूरत नहीं: सीएफओ
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) प्रतीक अग्रवाल ने कहा, "कई कारणों के चलते इस बार हायरिंग की प्रॉसेस धीमी रहेगी। वॉल्यूम भी कम रहने वाला है। इसलिए हायरिंग भी कम हो जाएगी। इसके अलावा, मौजूदा कर्मचारियों की उपयोगिता में सुधार और कर्मचारियों की संख्या में कमी पर ध्यान देना है। साल-दर-साल के आधार पर वित्त वर्ष 20 में कंपनी का एट्रिशन 17.7 प्रतिशत से गिरकर 16.3 प्रतिशत पर आ गया है। लोअर एट्रिशन का मतलब है कि रिप्लेसमेंट रोल्स को भरने की जरूरत कम हो गई है।"
एचसीएल टेक के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर अप्पाराव वीवी ने बताया कि हायरिंग प्रक्रिया में सुस्ती की वजह अकाउंट भी है। कंपनी ने 31 मार्च के आखिर तक लगभग 150,423 लोगों को रोजगार दिया।
सैलेरी बढ़ाने और प्रमोशन पर फैसला जुलाई में: सीएफओ
प्रतीक अग्रवाल ने कहा, "इस समय हम उन ऑफर्स का सम्मान करना चाहते हैं जो हमने पहले ही लोगों के लिए कर दिए हैं।" फ्रेशर्स के ऑन-बोर्डिंग में कोई देरी नहीं है, लेकिन अभी उन लोगों पर ध्यान है जो स्वयं के लैपटॉप और डिवाइसेज के साथ आ रहे हैं, ताकि वे तुरंत काम शुरू कर सकें। उन्होंने आगे कहा, "कर्मचारियों की सैलेरी में बढ़ोतरी और प्रमोशन में फैसला आने वाली तिमाही में लिया जाएगा। अभी हमारे पास जुलाई साइकिल है, हम अभी इस बारे में कोई कॉल नहीं ले रहे हैं।"
पिछले फाइनेंशिल ईयर में 16.7% की बढ़ोतरी
एचसीएल टेक ने 31 मार्च को खत्म हुए साल के फाइनेंशिल ईयर में 16.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 9.936 मिलियन डॉलर (लगभग 75 करोड़ रुपए) का रेवेन्यू दर्ज किया है। मैनेजमेंट के मुताबिक ये 16.5-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी है, जो अच्छी बात है। हालांकि, कंपनी ने वित्त वर्ष 21 के रेवेन्यू को लेकर किसी तरह का गाइडेंस जारी नहीं किया है। कोरोनवायरस के चलते मांग में कमी आने के कारण अनिश्चितताएं बनी हैं।
जारी रहेगा वर्क फ्रॉम होम का कल्चर
कंपनी के 90 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वहीं, 10 प्रतिशत कर्मचारी इस क्वार्टर से काम के लिए ऑफिस आ रहे हैं। लॉकडाउन हटने के बाद कंपनी वर्क फ्रॉम होम के कल्चर को 50-50 रेशियो में जारी कर सकती है। कंपनी इस फैसले को गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार ले सकती है, जिसमें आईटी/आईटीईएस कंपनियों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ऑफिस में काम करना है। इस फैसले के पीछे की वजह सोशल डिस्टेंसिंग है।
पहले क्वार्टर में कोरोना का प्रभाव रहेगा
कंपनी को इस बात की उम्मीद है कि कोरोनावायरस के चलते पहला क्वार्टर (Q1) प्रभावित होगा। उसके ऊपर कीमत का दबाव, डिस्काउंट और पेमेंट एक्सटेंशन भी रहेगा। इसे लेकर अग्रवाल ने कहा कि कुछ ग्राहक कोविड-19 से प्रभावित हैं, कुछ अपने खर्च में कटौती कर रहे हैं, तो कुछ वापसी की उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि कुछ रिक्वारमेंट्स डिस्काउंट को लेकर हो सकती हैं, लेकिन ज्यादातर के साथ ऐसा नहीं होगा।
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