अभी होम लोन की ब्याज दरें 7% से कम पर हैं। ऐसे में घर या प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ये सही समय हो सकता है। लेकिन कई बार क्रेडिट स्कोर (सिबिल स्कोर) या ज्यादा लोन के लिए अप्लाई करने जैसे कारणों के चलते लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है। अगर आप भी इन दिनों होम लोन के लिए अप्लाई करने वाले हैं तो हम आपको ऐसी 7 बातों के बारे में बता रहे हैं जिनकी वजह से आपकी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है।
लोन की अवधि ज्यादा होना
बैंक और NBFC आमतौर पर 30 साल तक के लिए लोन देते हैं। लेकिन अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो आपको कम अवधि के लिए लोन लेना चाहिए। कई बैंकों के नियम के अनुसार लोन रि-पेमेंट आवेदक की उम्र 75 साल होने से पहले पूरा हो जाना चाहिए। ऐसे में अगर आपकी उम्र 55 साल के करीब है तो आपको 20 साल के ज्यादा के लिए होम लोन के लिए अप्लाई नहीं करना चाहिए।
क्रेडिट स्कोर कमजोर होना
कई बार जब हम होम लोन के तो कमजोर क्रेडिट स्कोर (सिबिल स्कोर) या नियमित आय न होने के कारण बैंक लोन देने से मना कर देता है। इसके अलावा ये भी देखा जाता है कि इन कारणों से आपको उतना लोन नहीं मिल पाता है जितने की आपको जरूरत है। ऐसे में हम आपको आज कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आपको आसानी से लोन मिल सकेगा।
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ज्यादा लोन के लिए न करें अप्लाई
ज्यादा लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो आपके लिए लोन लेना मुश्किल कर सकता है। इसका मतलब है कि घर खरीदने के लिए आपको अपना कॉन्ट्रिब्यूशन ज्यादा रखना होगा। मान लीजिए आपके घर की कीमत कम एलटीवी रेशियो चुनने से प्रॉपर्टी में खरीदार का कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ जाता है। इससे बैंक का जोखिम कम होता है। वहीं, कम ईएमआई से लोन की अफोर्डेबलिटी बढ़ती है। इससे आपको लोन मिलने की चांस बढ़ जाएंगे।
फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेशियो का ज्यादा होना
जब हम बैंक में लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेशियो (FOIR) भी देखता है। इससे पता चलता है कि आप हर महीने लोन की कितने रुपए तक की किस्त दे सकते हैं। FOIR से पता चलता है कि आपकी पहले से जा रही ईएमआई, घर का किराया, बीमा पॉलिसी और अन्य भुगतान मौजूदा आय का कितना फीसदी है। अगर लोन दाता को आपके ये सभी खर्च आपकी सैलरी के 50% तक लगते हैं तो वह आपकी लोन एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर सकते है। इसीलिए यह ध्यान भी रखें की लोन की रकम इससे ज्यादा न हो।
जल्दी-जल्दी नौकरी बदलने पर
यदि आप जल्दी-जल्दी नौकरी बदलते हैं तो ये भी आपके क्रेडिट कार्ड आवेदन के लिए सही नहीं है। बार-बार नौकरी बदलने को अस्थिर करियर का संकेत माना जाता है और इसलिए ऐसे व्यक्तियों को क्रेडिट कार्ड देना थोड़ा रिस्की माना जाता है। इससे क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना कम हो जाती है।
सैलरी कम होना
किसी भी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले बैंक उसकी रीपेमेंट कैपेसिटी को देखते हैं। इसे जानने के लिए बैंक उस व्यक्ति की फॉर्म 16 या सैलरी स्लिप की मांग करते हैं। यदि उसकी सालाना आमदनी बैंक द्वारा तय दायरे में नहीं आती, तो उस व्यक्ति की एप्लिकेशन रिजेक्ट हो जाता है।
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'नो क्रेडिट हिस्ट्री' से हो सकती है परेशानी
जिस तरह से खराब सिबिल स्कोर क्रेडिट कार्ड के आवेदन को रिजेक्ट करा सकता है, ठीक उसी तरह से नो क्रेडिट हिस्ट्री (यानी पहले से लोन लेने और चुकाने का कोई रिकॉर्ड नहीं होना) भी आवेदन रिजेक्ट करा सकता है। आम तौर पर लोग मानते हैं कि पहले से कोई लोन नहीं है तो क्रेडिट स्कोर ठीक ही होगा, पर ऐसा नहीं होता है। बैंक लोन लेने और चुकाने की क्षमता के आधार को देखते हुए भी लोन देने का फैसला करते हैं। अगर आपने पहले से लोन नहीं लिया है तो उस बैंक में लोन के लिए आवेदन करें जिस बैंक में आपका सेविंग अकाउंट है। बैंक आपके सेविंग अकाउंट के रिकॉर्ड को देखते हुए लोन दे सकता है।
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