देश के आठ बढ़े शहरों में जुलाई-सितंबर के दौरान मकानों की कीमतें सालाना औसतन 6% बढ़ी हैं। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई-एमएमआर, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरू और अहमदाबाद इनमें शामिल हैं। मकानों के सबसे ज्यादा 14% दाम दिल्ली-एनसीआर में बढ़े हैं। रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई-कोलियर्स-लियासेस फोरास की हाउसिंग प्राइस ट्रैकर रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।
हाउसिंग प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्याज दरें और इनपुट कॉस्ट बढ़ने के बावजूद इस साल की शुरुआत से ही डेवलपर्स ने हाउसिंग प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग बढ़ाई है। इस बीच सितंबर तिमाही में बिना बिके मकानों की संख्या 3% बढ़ी। पिछली कुछ तिमाहियों में लॉन्चिंग बढ़ने से देशभर में लगभग 94% बिना बिके मकान फिलहाल अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। ज्यादातर शहरों में बिना बिके मकान घटे हैं।
बेंगलुरू में सबसे ज्यादा बिना बिके मकान घटे
बेंगलुरू में सबसे ज्यादा 14% बिना बिके मकान घटे। सिर्फ हैदराबाद, एमएमआर और अहमदाबाद में बिना बिके मकानों की संख्या बढ़ी। एमएमआर बिना बिके मकानों के मामले में 37% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर रहा। इसमें 13-13% हिस्सेदारी के साथ एनसीआर और पुणे दूसरे स्थान पर रहे।
हालात सुधरने से देशभर में बढ़ीं मकानों की कीमतें
कोलियर्स के सीईओ (इंडिया) व एमडी (एशिया) रमेश नायर बताते हैं कि बीते दो साल की अनिश्चितता के बाद 2022 में स्थिरता लौटी। महंगाई और इनपुट कॉस्ट बढ़ने से देशभर में मकानों की कीमतों में इजाफा हुआ। इसके बावजूद आठ बड़े शहरों के रेसिडेंशियल मार्केट में तेजी का रुख बना हुआ है।
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