99 रु में बिकी सिलिकॉन वैली बैंक की UK यूनिट:HSBC ने खरीदा, बिट्रेन के वित्त मंत्री बोले- बिना टैक्सपेयर सपोर्ट के डिपॉजिट को सुरक्षित किया जाएगा

लंदन3 महीने पहले
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HSBC ने अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक की UK यूनिट को खरीद लिया है। ये डील केवल 1 पाउंड, यानी करीब 99 रुपए में हुई है। अधिग्रहण की कीमत केवल नाम के लिए है, क्योंकि सिलिकॉन वैली बैंक के पूरे कर्ज को सरकार का बैकअप है। यानी HSBC को इस डील के बाद कोई लोन नहीं चुकाना होगा।

HSBC ने कहा कि 10 मार्च तक, सिलिकॉन वैली बैंक UK लिमिटेड के पास करीब 5.5 अरब पाउंड का लोन था और लगभग 6.7 अरब पाउंड की जमा राशि थी। 31 दिसंबर 2022 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में SVB UK ने 88 मिलियन पाउंड का प्रॉफिट बिफोर टैक्स दर्ज किया था।

HSBC ने कहा, SVB UK की टेंजिबल इक्विटी लगभग 1.4 बिलियन पाउंड होने की उम्मीद है। वहीं SVB UK की पेरेंट कंपनियों के एसेट और लाइबिलिटीज को ट्रांजैक्शन से बाहर रखा गया है। अधिग्रहण को मौजूदा रिसोर्सेज से फंड किया जाएगा।​​​ HSBC 2 मई को अपने Q1 2023 के रिजल्ट्स में इस अधिग्रहण पर शेयरधारकों को अपडेट करेगा।

कस्टमर्स एक्सेस कर सकेंगे सर्विसेज
इस डील के बाद यूके के जिन कस्टमर्स और बिजनेसेज का SVB यूके में पैसा जमा है, वे इसे अन्य बैंकिंग सर्विसेज के साथ एक्सेस कर सकेंगे। सिलिकॉन वैली बैंक 10 मार्च को डूब चुका है। बैंक के कोलैप्स होने के बाद, डिपॉजिटर्स के अरबों डॉलर फंसे हुए हैं।

सरकार और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने डील को फैसिलिटेट किया
ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने बताया कि इस डील को सरकार और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने फैसिलिटेट किया है। बिना टैक्सपेयर सपोर्ट के डिपॉजिट को सुरक्षित किया जाएगा। हंट ने कहा, HSBC यूरोप का सबसे बड़ा बैंक है, और SVB UK के ग्राहकों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए।

देश के फाइनेंशियल सिस्टम्स सेफ हैं: प्रेसिडेंट बाइडन
इस बीच प्रेसिडेंट जो बाइडन ने कहा है कि देश के फाइनेंशियल सिस्टम्स सुरक्षित हैं। हम यह वादा करते हैं कि सिलिकॉन वैली बैंक के पतन से होने वाले किसी भी नुकसान को टैक्सपेयर्स से वहन नहीं किया जाएगा। मामले से जुड़े दो लोगों के मुताबिक, बाइडन प्रशासन अलास्का के पेट्रोलियम-रिच नॉर्थ स्लोप पर मेजर विलो ऑयल प्रोजेक्ट को मंजूरी दे रहा है।

सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने को सिलसिलेवार तरीके से समझिए
सिलिकॉन वैली बैंक के पास 2021 में 189 अरब डॉलर डिपॉजिट्स थे। सिलिकॉन वैली बैंक ने पिछले 2 सालों में अपने ग्राहकों के पैसों से कई अरब डॉलर के बॉन्ड खरीदे थे, लेकिन इस इन्वेंस्टमेंट पर उसे कम इन्टरेस्ट रेट के चलते उचित रिटर्न नहीं मिला। इसी बीच फेडरल रिजर्व बैंक ने टेक कंपनियों के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी।

SVB के ज्यादातर ग्राहक स्टार्ट-अप्स और टेक कंपनियां थीं जिन्हें कारोबार के लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में वो बैंक से पैसे निकालने लगीं। ब्याज दर बढ़ने की वजह से टेक कंपनियों में निवेशक कम हो गए। फंडिंग नहीं मिलने से कंपनियां बैंक से अपना बचा हुआ पैसा भी निकालने लगीं। लगातार विड्रॉअल की वजह से बैंक को अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी।

8 मार्च को SVB ने बताया कि उसने बैंक की कई सिक्योरिटीज को घाटे में बेचा है। साथ ही अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए उसने 2.25 अरब डॉलर के नए शेयर बेचने की घोषणा की। इससे कई बड़ी कैपिटल फर्मों में डर का माहौल बन गया और फर्मों ने कंपनियों को बैंक से अपना पैसा वापस लेने की सलाह दी।

इसके बाद गुरुवार को SBV के स्टॉक में गिरावट आई, जिससे दूसरे बैंकों के शेयर्स को भी भारी नुकसान हुआ। शुक्रवार की सुबह तक इन्वेस्टर न मिलने पर SVB के शेयरों को रोक दिया गया। इसके अलावा कई अन्य बैंक शेयरों को भी शुक्रवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया, जिनमें फर्स्ट रिपब्लिक, पीएसीवेस्ट बैनकॉर्प और सिग्नेचर बैंक शामिल हैं।