इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कार्पोरेशन (IBM) बड़े लेवल पर अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। नए सीईओ अरविंद कृष्ण के पदभार संभालने के बाद यह पहली बार होगा जब दिग्गज टेक कंपनी काफी संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। हाल ही में भारतीय मूल के अरविंद कृष्ण, आईबीएम में बतौर सीईओ नियुक्त किए गए हैं। 57 वर्षीय अरविंद ने साल 1990 में आईबीएम को ज्वाइन किया था।
द् वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, छंटनी का यह फैसला हजारों कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। कंपनी ने कुल संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। लेकिन, अमेरिका और अन्य पांच शहरों में स्थित दफ्तर में काफी कर्मचारियों को पिंक लेटर थमाया गया है। महामारी के कारण कंपनी जून 2021 तक अपने प्रभावित अमेरिकी कर्मचारियों को मेडिक्लेम की सुविधा देगी। बता दें कि आईबीएम के पास 2019 के अंत तक 350,000 से अधिक पूर्णकालिक कर्मचारी थे।
कंपनी ने छंटनी की वजह को तकनीकि रूप से विकास और दूरगामी स्ट्रैटजी बताया है। IBM के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कटौती तकनीकी तौर पर कंपनी को और ज्यादा दुरुस्त बनाने के उद्देश्य से की गई है। हालांकि, कोरोनावायरस महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी भी वजह है।
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