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आपके फायदे की बात:सोने में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो गोल्ड ETF रहेगा सही विकल्प, आने वाले दिनों में मिल सकता है शानदार रिटर्न

नई दिल्ली2 वर्ष पहले
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सोने की कीमत में इन दिनों गिरावट जारी है। बीते 1 साल में यह 56 हजार से 47 हजार पर आ गया है। एक्सपर्ट का मानना है कि सोने में निवेश करने का ये सही समय है, क्योंकि आने वाले समय में सोने के दामों में फिर तेजी देखी जा सकती है। अगर आप भी सोने में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ETF में निवेश करना सही रहेगा। आज हम आपको गोल्ड ETF के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इसमें निवेश करके फायदा कमा सकें।

क्या है गोल्ड ETF?
यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। ETF बहुत अधिक कॉस्ट इफेक्टिव होता है। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।

गोल्ड ETF में निवेश करने के हैं कई फायदे

  • कम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना: ETF के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वेलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो पाता।
  • मिलता है शुद्ध सोना: गोल्ड ETF की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड अलग-अलग विक्रेता/ज्वेलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
  • नहीं आता ज्वेलरी मेकिंग का खर्च: गोल्ड ETF खरीदने में 0.5% या इससे कम की ब्रोकरेज लगती है, साथ ही पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30 फीसदी मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है, जो ज्वेलर और बैंक को देना पड़ता है, भले ही आप सिक्के या बार खरीदें।
  • सोना रहता है सुरक्षित: इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट अकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ सालाना डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा पर भी खर्च करना होता है।
  • व्यापार की आसानी: गोल्ड ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसमें कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।

आने वाले 1 साल में 54 हजार तक जा सकता है सोना
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि अभी सोने पर थोड़ा दबाव बना हुआ है। बढ़ती महंगाई और कोरोना के कारण कई देशों में लगे लॉकडाउन के हटने के बाद आने वाले समय में सोने को सपोर्ट मिलेगा। इससे आने वाले एक साल में सोना फिर 54 हजार तक जा सकता है। वहीं पृथ्वी फिनमार्ट के डायरेक्टर मनोज कुमार जैन कहते हैं कि साल के आखिर तक सोने के दाम 50 हजार रुपए पर पहुंच सकते हैं।

इन फंड्स ने दिया अच्छा रिटर्न

फंड का नामबीते 6 महीने में रिटर्न (% में)बीते 1 साल में रिटर्न (% में)बीते 3 साल में फंड का औसत सालाना रिटर्न (% में)
एक्सिस गोल्ड ETF4.9-8.314.7
निप्पॉन गोल्ड ETF4.8-9.614.2
SBI गोल्ड ETF4.7-9.114.5
आदित्य बिरला सन लाइफ गोल्ड ETF4.6-8.814.0
इनवेस्को इंडिया गोल्ड ETF4.5-9.713.8

सोने में सीमित निवेश फायदेमंद
रूंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा
कहते हैं भले ही आपको सोने में निवेश करना पसंद हो तब भी आपको इसमें सीमित निवेश ही करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए। किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है।