वित्त वर्ष 2021-22 खत्म होने में अब 2 हफ्ते का ही समय बचा है। हम सभी जानते हैं कि इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स देना होता है। इसलिए ये जानना भी बहुत जरूरी है कि कैपिटल गेन टैक्स को कैसे कम किया जा सकता है। आज हम आपको ऐसे 3 तरीकों के बारे में बता रहे हैं जिससे आप कैपिटल गेन पर टैक्स बचा सकते हैं।
1. स्टॉक्स और इक्विटी फंड्स से प्रॉफिट बुक करें
स्टॉक्स और इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स पर 1 लाख रुपए से ज्यादा के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस पर अब टैक्स लगता है। अगर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है तो आपके लिए 1 लाख रुपए तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट का फायदा उठाने का यही मौका है। 31 मार्च से पहले इस हिसाब से प्रॉफिट बुक करें कि टैक्स छूट का लाभ मिल जाए।
इसके लिए आपको 31 मार्च से पहले उतने स्टॉक्स और इक्विटि फंड्स बेच देने चाहिए, जितने पर 1 लाख रुपए तक का लाभ मिल जाए। फिर इसी पैसे को अगले वित्त वर्ष में दोबारा इन्वेस्ट कर दें।
2. नुकसान सेट-ऑफ करें
जब हम शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो हमें नुकसान भी होता है। इन नुकसानों को उसी वित्तीय वर्ष के कैपिटल गेन से सेट-ऑफ कर दें यानी उस घाटे को मुनाफे के साथ समायोजित कर दें। शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को सिर्फ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के साथ ही एडजस्ट कर सकते हैं। कोई भी बचा हुआ घाटा अगले 8 सालों तक कैरी-फारवर्ड किया जा सकता है।
3. कैपिटल गेन छूट का दावा
आयकर अधिनियम करदाता को कैपिटल गेन पर छूट का दावा करने की अनुमति देता है। धारा 54ईसी के तहत करदाता भूमि या भवन जैसी अचल संपत्ति में निवेश से प्राप्त हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की छूट का दावा करने के लिए कैपिटल गेन बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।
हालांकि, इन बॉन्ड्स में 5 सालों का लॉक इन पीरियड होता है, और इन पर लगभग 5% की ब्याज दर मिलती है। इसलिए निवेशक को इस बात का मूल्यांकन कर लेना चाहिए कि ऐसे कम रिटर्न वाले लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट उनके लिए ठीक हैं या नहीं।
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