गूगल जैसे न्यूज इंटरमीडियरीज की मोनोपॉली और पोजीशन के गलत इस्तेमाल से जुड़े एक मामले में हाल ही में कैनेडियन ऑनलाइन न्यूज एक्ट पास किया गया है। इससे इंडियन न्यूज पेपर्स और उनके डिजिटल न्यूज एडिशन्स को फायदा मिल सकता है। इंडियन न्यूज पेपर्स को रिप्रेजेंट करने वाले डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने ये बात कही है।
कैनेडियन ऑनलाइन न्यूज एक्ट ऐसे समय में पास किया गया है जब भारत में CCI ने DNPA की ओर से फाइल की गई शिकायत पर गूगल को नोटिस जारी किया है। गूगल पर आरोप है कि वो न्यूज पेपर्स के डिजिटल एडिशन से जेनरेट कंटेंट पर भारी मात्रा में ऐड रेवेन्यू कमाता है, लेकिन पब्लिशर्स के साथ उचित मात्रा में शेयर नहीं करता। इससे पब्लिशर्स को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
कैनेडियन ऑर्डर में न्यूज पब्लिशर्स के साथ उचित रेवेन्यू शेयर करने के प्रावधान किए गए हैं। DNPA ने कहा कि कैनेडियन ऑर्डर से इंडियन न्यूज पेपर्स और उनके डिजिटल एडिशन्स को बूस्ट मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यह आदेश कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को भी ऐसा कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित और सशक्त करेगा।
DNPA की गूगल के खिलाफ CCI में शिकायत
DNPA ने कॉम्पिटिशन एक्ट 2002 की धारा 19(1) (ए) के तहत अल्फाबेट, गूगल, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और गूगल आयरलैंड लिमिटेड (गूगल/ओपी) के खिलाफ CCI में शिकायत दर्ज की थी। एसोसिएशन का मानना है कि गूगल ने अधिनियम की धारा 4 का उल्लंघन किया है। CCI ने इस शिकायत पर डिजिटल एडवर्टाइजमेंट में अपनी मोनोपॉली के दुरुपयोग के लिए गूगल के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।
50% से ज्यादा ट्रैफिक गूगल के जरिए
एसोसिएशन ने ये भी कहा कि न्यूज मीडिया कंपनीज की ओर से जेनरेट किए गए कंटेंट का एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करती है जिस पर विज्ञापन चलाए जा सकते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि न्यूज वेबसाइटों पर कुल ट्रैफिक का 50% से ज्यादा गूगल के जरिए आता है। इस क्षेत्र में बड़ा प्लेयर होने के कारण गूगल अपने एल्गोरिदम के जरिए यह तय करता है कि कौन सी न्यूज वेबसाइट सर्च के माध्यम से ऊपर आएगी।
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