फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर शून्य रहने का अनुमान जताया है। इस रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से भारत को बड़ी गिरावट झेलनी पड़ेगी, जिसके चलते वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की ग्रोथ 0% पर ठहर सकती है। हालांकि, 2022 में ये तेजी से वापसी करेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी तक जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो भारत को मंदी के संकट से निकलने में बड़ी मदद मिलेगी।
राजकोषीय घाटा 5.5 फीसदी रहने का अनुमान
एजेंसी ने कहा कि कोरोना के संकट के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह थम गई है, इसका असर इस साल देखने को भी मिलेगा। मूडीज ने राजकोषीय घाटे के भी 5.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले बजट में भारत के वित्त मंत्री ने 3.5 फीसदी के घाटे की बात कही थी। बता दें कि मूडीज ने बीते साल नवंबर में भारत को स्टेबल यानी स्थित अर्थव्यवस्था से हटाकर निगेटिव में डाल दिया था।
इन कारणों से अर्थव्यवस्था पर संकट
कोविड-19 का तेजी से प्रसार, वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण में गिरावट, तेल की कीमतें गिरना और वित्तीय बाजार में उथल-पुथल भारी संकट पैदा कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लंबे समय से चल रहे आर्थिक संकट, नौकरियों के सृजन में कमी और अब एनबीएफसी के नकदी संकट में घिरने के चलते भारत की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में जा सकती है।
मूडीज ने कहा कि यदि जीडीपी की ग्रोथ उम्मीद के मुताबिक नहीं रहती है तो फिर सरकार को बजट घाटे को नजरअंदाज करते हुए पैकेज की ओर बढ़ना पड़ सकता है। बता दें कि सरकार की ओर से फिलहाल 1.7 लाख करोड़ रुपए का पैकेज देश के गरीब तबके की मदद के लिए जारी किया गया है।
कोरोनावायरस से देश में मौतें
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 56,561 हो गई है। इनमें 37,781 की रिपोर्ट पॉजीटिव है। वहीं 16,881 संक्रमित ठीक हो गए हैं। देश में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 1,895 हो चुकी है। देश में कोरोना संक्रमित लोगों के सबसे ज्यादा 17,974 मामले महाराष्ट्र के हैं। वहीं, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्यप्रदेश भी ऊपर बने हुए हैं। ये आंकड़े covid19india.org के अनुसार हैं।
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