सोने में एक बार फिर तेजी का रुझान है। दूसरी तरफ शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि क्या यह सोने में निवेश करने का सही समय है? मौजूदा हालात के हिसाब से इसका जवाब हां है। आइए जानते हैं कैसे....
कई देशों में फिर लगा लॉकडाउन
अमेरिका में महंगाई ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहां की आर्थिक विकास दर भी निचले स्तर पर आ गई है। दूसरी तरफ रूस, जर्मनी और चीन के कई इलाकों में कोविड महामारी की तीसरी लहर के चलते लॉकडाउन लगाने की नौबत आ गई है। ये हाल की घटनाएं हैं।
इनके चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी पटरी से उतरने की आशंका गहरा गई है। ऐसे में लोग एहतियातन सोने में निवेश बढ़ा देते हैं क्योंकि पता नहीं होता कि निकट भविष्य में अर्थव्यस्था किस दिशा में जाएगी।
महंगाई से बचाव का प्रभावशाली तरीका
करेंसी में उतार-चढ़ाव और महंगाई बढ़ने का निवेश पर गहरा असर होता है। इससे बचाव के लिए सोना सबसे अच्छा एसेट क्लास साबित होता है, क्योंकि महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमत बढ़ने लगती है।
कम ब्याज दर का मिल रहा फायदा
भारतीय रिजर्व बैंक समेत तमाम देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें निचले स्तर पर रखी हैं। इसके चलते बैंक एफडी का प्रभावी रिटर्न निगेटिव हो गया और करेंसी कमजोर होने से सोने को जोरदार सपोर्ट मिलने लगा।
सोना सबसे लिक्विड एसेट, जब चाहें मिलता है पैसा
सोना सबसे ज्यादा लिक्विड एसेट क्लास है। मसलन, यदि जरूरत पड़े तो इसे बेचकर कैश का इंतजाम करना बहुत आसान है। शेयर या बॉन्ड में निवेश सोने के मुकाबले कम लिक्विड होता है।
महामारी में स्टेबल परफॉर्मेंस दिया
जब से कोविड महामारी शुरू हुई है, तब से इक्विटी समेत सभी एसेट क्लास में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है। इक्विटी ने भी एक समय भारी गिरावट देखी है। लेकिन, सोने का प्रदर्शन कमोबेश स्थायी रहा है।
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