दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी सर्विसेज एक्सेंचर Plc ने भारत में अपने लगभग 3,50,000 (3.5 लाख) एम्प्लॉइज में से कम से कम 7,000 को नौकरी से निकालने का प्लान बनाया है। एक दिन पहले ही IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी ने अपनी टोटल वर्कफोर्स में से 2.5% यानी 19 हजार एम्प्लॉइज की छंटनी करने का ऐलान किया था।
एक्सेंचर के ग्लोबल वर्कफोर्स में लगभग 47% एम्प्लॉइज भारतीय
हालांकि, एक्सेंचर ने अब तक भारत में अपने टोटल एम्प्लॉइज की सही संख्या नहीं बताई है। कंपनी कहती है कि उसके पास भारत में 3 लाख से ज्यादा एम्प्लॉइज हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्सेंचर के टोटल ग्लोबल वर्कफोर्स में से लगभग 47% यानी 3.5 लाख एम्प्लॉइज भारत में हैं।
कंपनी की टोटल ग्लोबल वर्कफोर्स में 7,38,143 एम्प्लॉइज शामिल
कंपनी की टोटल ग्लोबल वर्कफोर्स में 7,38,143 एम्प्लॉइज शामिल हैं। वहीं पिछली 10 तिमाहियों में यानी 1 सितंबर 2020 से 28 फरवरी तक, एक्सेंचर ने 2,32,410 एम्प्लॉइज की हायरिंग की है। एक्सेंचर ने छंटनी के लिए बिगड़ते ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही एक्सेंचर ने अपने रेवेन्यू और प्रॉफिट के पूर्वानुमान को भी कम कर दिया है।
एक्सेंचर ने एनुअल ग्रोथ रेट में 8% से 11% की बढ़ोतरी के पिछले अनुमान को कम करके 8% से 10% कर दिया है। इसके साथ ही अब कंपनी ने प्रति शेयर इनकम 10.84 डॉलर से 11.06 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद जताई है, जिसके पहले 11.20 डॉलर से 11.52 डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था।
लागत कम करने के लिए छंटनी कर रहे हैं: CEO जूली स्वीट
एक्सेंचर ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि फाइनेंशियल ईयर 2023 के तीसरे क्वार्टर में रेवेन्यू 16.1 अरब डॉलर से 16.7 अरब डॉलर के बीच होगा।' वहीं कंपनी के CEO जूली स्वीट ने कहा कि हम अपनी लागत कम करने के लिए छंटनी करने के यह कदम उठा रहे हैं। हालांकि, हम बिजनेस और अपने लोगों में निवेश जारी रखते हुए ग्रोथ के महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाते रहेंगे।
स्टेप-बाई-स्टेप 18 महीने में कर्मचारियों की छंटनी होगी
एक्सेंचर ने बताया कि कर्मचारियों की यह छंटनी कंपनी एक साथ नहीं, बल्कि 18 महीनों में स्टेप-बाई-स्टेप करेगी। कंपनी के अनुसार, इस छंटनी का असर उसके नॉन बेलेबल कॉर्पोरेट फंक्शन में शामिल कर्मचारी पर ज्यादा पड़ेगा।
आर्थिक मंदी की आशंका के चलते छंटनी कर रहीं हैं बड़ी कंपनियां
एक्सेंचर ने कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा ऐसे समय की है, जब दुनियाभर की कंपनियां आर्थिक मंदी की आशंका के चलते कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं। मेटा, गूगल और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां भी कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं। इसी बीच एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि छंटनी का यह सिलसिला कम से कम 2023 के पहले क्वार्टर तक जारी रहेगा।
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