विप्रो के चेयरमैन ने 50% कम ली सैलेरी:रिशद प्रेमजी को FY-23 में ₹7.87 करोड़ का टोटल कंपनसेशन मिला, पिछले साल ₹15 करोड़ था

नई दिल्ली16 दिन पहले
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विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने मार्च 2023 को खत्म फाइनेंशियल ईयर के लिए लगभग 1 मिलियन डॉलर यानी 7.87 करोड़ रुपए का टोटल कंपनसेशन लिया है। यह पिछले फाइनेंशियल ईयर में उनके रिम्यूनेरेशन 5.05 करोड़ रुपए से लगभग 50% कम है। इस बात की जानकारी विप्रो ने US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन को फॉर्म 20-F फाइल कर दी है।

रिशद प्रेमजी ने दूसरी बार कम लिया कंपनसेशन
यह दूसरी बार है, जब रिशद प्रेमजी ने कंपनसेशन कम लिया है। इससे पहले रिशद प्रेमजी ने कोरोना महामारी के समय अपने कंपनसेशन में 31% की कटौती की थी। तब फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में उन्होंने टोटल 0.68 मिलियन डॉलर यानी 5.62 करोड़ रुपए का कंपनसेशन लिया था। इससे पहले FY 2018-19 में उन्हें 0.98 मिलियन डॉलर यानी 8.11 करोड़ रुपए का कंपनसेशन मिला था।

कंपनसेशन के अलावा, रिशद प्रेमजी इंक्रीमेंटल कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट पर 0.35% की दर से कमीशन के हकदार हैं। हालांकि, कारोबारी साल 2023 के लिए कंपनी का इंक्रीमेंटल कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट निगेटिव रहा था, इसलिए कंपनी ने तय किया है कि कारोबारी साल 2023 के लिए कोई कमीशन नहीं दिया जाएगा।

CFO जतिन प्रवीणचंद्र दलाल को भी कम मिला कंपनसेशन
रिशद प्रेमजी ही नहीं, विप्रो के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) जतिन प्रवीणचंद्र दलाल के कंपनसेशन में भी कमी आई है। साल 2022-23 के लिए उन्हें पिछले साल के 13.24 करोड़ रुपए (1.6 मिलियन डॉलर) की तुलना में टोटल 9.10 करोड़ रुपए (1.1 मिलियन डॉलर) का कंपनसेशन दिया गया है, जो कि लगभग 32% कम है।

FY-23 में कंपनी का प्रॉफिट 7.1% गिरकर 11,350 करोड़ रु पर आया
इस साल अप्रैल महीने में विप्रो ने चौथी तिमाही और कारोबारी साल के अपने रिजल्ट की अनाउंसमेंट की थी, जो उम्मीद से कम रहा था। चौथी तिमाही में नेट प्रॉफिट 0.4% गिरकर 3,074.5 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 3,087.3 करोड़ रुपए रहा था। मार्च तिमाही में रेवेन्यू सालाना आधार पर 11.17% बढ़कर 23,190.3 करोड़ रुपए रहा था।

वहीं पूरे फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में कंपनी का प्रॉफिट 7.1% गिरकर 11,350 करोड़ रुपए पर आ गया। साल-2023 के लिए EBITDA मार्जिन 200 bps घटकर 15.7% पर था और Q4 के लिए यह 16.3% रह था। कंपनी ने टेंडर रूट के जरिए 12,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक की अनाउंसमेंट भी की थी।

प्रेमजी का मौजूदा 5 साल का कार्यकाल 30 जुलाई 2024 को खत्म होगा
रिशद प्रेमजी के कंपनसेशन में कैश बोनस (उनके निश्चित वेतन का हिस्सा) भी शामिल था, लेकिन फाइनेंशियल ईयर 2023 में उन्हें कोई स्टॉक ऑप्शन नहीं दिया गया था। विप्रो लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में प्रेमजी का मौजूदा 5 साल का कार्यकाल 30 जुलाई 2024 को समाप्त होगा।

2007 में विप्रो में शामिल हुए थे रिशद प्रेमजी, कई भूमिकाओं में काम किया
रिशद प्रेमजी 2007 में विप्रो में शामिल हुए और 2019 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनने से पहले उन्होंने कंपनी में कई भूमिकाओं में काम किया। उन्होंने विप्रो के बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेंज बिजनेस में जनरल मैनेजर के रूप में शुरुआत की, इंवेस्टर्स रिलेशंस को लीड किया और फिर विप्रो की स्ट्रेटजी एंड मर्जर और एक्विजिशन का भी नेतृत्व किया था।

विप्रो के चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर के रूप में रिशद ने विप्रो वेंचर्स का कॉन्सेप्ट भी दिया था। वह कंपनी के लिए इन्वेस्टर एंड गवर्नमेंट रिलेशनशंस पर भी काम करते थे। एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका में रिशद बिजनेस को दिशा और स्ट्रेटजी देने के लिए विप्रो की लीडरशिप टीम के साथ मिलकर काम करते हैं।

विप्रो में शामिल होने से पहले लंदन में बेन एंड कंपनी में काम करते थे रिशद
विप्रो में शामिल होने से पहले रिशद प्रेमजी लंदन में बेन एंड कंपनी में काम करते थे। उन्होंने वहां कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम और इंश्योरेंस इंडस्ट्रीज में असाइनमेंट पर काम किया था। उन्होंने अमेरिका में इंश्योरेंस और कंज्यूमर लेंडिंग स्पेस में जीई कैपिटल के साथ भी काम किया। वे जनरल इलेक्ट्रिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट प्रोग्राम में ग्रेजुएट हैं।