अभिषेक कुमार
बाजार की अनिश्चितता के बीच शेयरों के दाम घटने की उम्मीद में म्यूचुअल फंड हाउस इक्विटी स्कीम्स में नए निवेश से बच रहे हैं। इसके चलते म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीम्स में औसत कैश होल्डिंग फरवरी के अंत तक बढ़कर 6.2% पर पहुंच गई। देश के टॉप 20 फंड कंपनियों की इक्विटी स्कीम्स में सबसे ज्यादा 14% कैश होल्डिंग पराग पारिख फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेस म्यूचुअल फंड के पास है।
कंपनी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर और डायरेक्टर राजीव ठक्कर ने कहा, ‘फिलहाल हमारी कैश होल्डिंग उच्चतम स्तर पर है। जब भी नया पैसा आता है तो हम खुद को स्टॉक्स खरीदने के लिए मजबूर नहीं करते। बाजार में उथल-पुथल मची हुई है और हम स्टॉक के दाम अपने लक्ष्य स्तर तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। जब भीमौका मिलेगा, हम नकदी का इस्तेमाल करेंगे।’
सितंबर 2021 के बाद से एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंडों का कलेक्शन 10 हजार करोड़ से ऊपर बना हुआ है। फरवरी 2023 में ये आंकड़ा 13686 करोड़ हो गया। इक्विटी मार्केट में म्यूचुअल फंडों का निवेश लगातार दो वर्षों से 1.5 लाख करोड़ रुपए के ऊपर बना हुआ है। इस रिकॉर्ड निवेश के बावजूद म्यूचुअल फंडों के पास काफी नकदी है।
दो साल में दोगुनी हुई इक्विटी स्कीम्स की औसत कैश होल्डिंग
मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट सर्विसेस की फंड फोलियो रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड कंपनियों की इक्विटी स्कीमों की औसत कैश होल्डिंग 3.2% थी। फरवरी 2023 में यह लगभग दोगुनी होकर 6.2% हो गई। पराग पारिख के अलावा तीन और प्रमुख फंड हाउस एक्सिस एमएफ, पीजीआईएम इंडिया एमएफ और एसबीआई एमएफ की कैश होल्डिंग भी फरवरी के अंत में 10% से ऊपर थी।
सही साबित हो रहा है कैश होल्डिंग बढ़ाने का फैसला
म्यूचुअल फंड्स में कैश की निरंतर आवक के बीच नकदी का स्तर बनाए रखने का फैसला सही साबित हुआ है। इस साल अब तक निफ्टी लगभग 7% गिर चुका है। करेक्शन की कगार पर यह बेंचमार्क इंडेक्स 1 दिसंबर 2022 के अपने ऑल टाइम हाई से लगभग 10% नीचे आ गया है।
फंड मैनेजरों का अनुमान है कि अगले कुछ माह तक मार्केट इसी तरह हल्के उतार-चढ़ाव वाला रहेगा या इसमें और गिरावट होगी और उन्हें बेहतर वेल्युएशन पर स्टॉक खरीदने का मौका मिलेगा।
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