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सप्लाई चेन में स्थायित्व जरूरी:चीन से व्यापार जारी रखने की जरूरत, कारोबार की आसानी में आसियान देश भारत से बेहतर: बजाज

2 वर्ष पहले
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  • बजाज ऑटो के एमडी ने कहा, कच्चा माल वहां से लेना चाहिए, जहांं सबसे सस्ता मिले
  • चीन जैसे बड़े देश से व्यापारिक संबंध नहीं रखते तो विशिष्ट अनुभव से महरूम रह जाएंगे

बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने चीन के साथ व्यापार जारी रखने का समर्थन किया है। उनका कहना है कि कच्चा माल वहां से लिया जाना चाहिए जहां सबसे कम दाम में मिले। ये बातें बजाज ने तीन दिवसीय एशिया इकोनॉमिक डायलॉग 2021 के दूसरे दिन कहीं। इस वर्चुअल इवेंट का आयोजन पुणे इंटरनेशनल सेंटर और विदेश मंत्रालय ने मिलकर किया है। बजाज ने यह भी कहा कि कारोबार में आसानी के लिहाज से आसियान देश भारत से बेहतर हैं।

चीन से व्यापारिक संबंध नहीं रखते तो विशिष्ट अनुभव से महरूम रह जाएंगे

बजाज ने कहा, ‘हम खुद को ग्लोबल कंपनी मानना चाहते हैं, इसलिए मेरे हिसाब से कल्चर और बिजनेस के लिहाज से हमें वर्कफोर्स में न सिर्फ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर ही समग्रता हासिल करनी चाहिए, बल्कि हमें डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर और सप्लायर बेस को भी ग्लोबल बनाने की जरूरत है। मेरा मानना है कि हमें चीन के साथ व्यापार जारी रखना चाहिए। अगर हम इतने बड़े देश से व्यापारिक संबंध नहीं रखते तो लंबे समय तक खुद को अपूर्ण पाएंगे और विशिष्ट अनुभव से महरूम रहकर खुद को कमजोर पाएंगे।’

ऑटो इंडस्ट्री को सुघड़ सप्लाई चेन के लिए दोतरफा कमिटमेंट जरूरी

बजाज ने कहा कि कस्टमर को फाइनल प्रॉडक्ट मुहैया कराने के लिए ऑटो इंडस्ट्री को जिस सुघड़ सप्लाई चेन चाहिए, उसमें दोतरफा कमिटमेंट जरूरी है। उन्होंने सप्लाई चेन में स्थिरता को दूसरा अहम पहलू बताया और कहा, ‘मैं यह बात जून-जुलाई में जो हुआ उसको देखते हुए कह रहा हूँ, जब सरकार ने (वजह जो भी हो) खासतौर पर चीन से इंपोर्ट पर अचानक लगाम लगा दी। मेरे हिसाब से वह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था। क्योंकि जो सामान देश में बनता ही न हो, उसे कैसे कोई घरेलू या विदेशी बाजार में प्रॉडक्ट डिलीवरी के लिए रातोंरात जुटा सकता है।’

सामान हमेशा वहां से लेना चाहिए जहां सबसे सस्ते में मिल रहा हो

चीन या थाईलैंड कहां से से सामान मंगाना सस्ता पड़ता है, इस बाबत बजाज ने कहा, ‘हमें सामान हमेशा वहां से लेना चाहिए जहां सबसे सस्ते में मिल रहा हो।’ उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कंपनी एशिया में बड़े पैमाने पर विस्तार करना चाहती है, इसलिए उसने उत्पादन के अहम घटकों के आधार पर देशों की तुलना की। उन्होंने कहा कि जमीन, लेबर, बिजली, लॉजिस्टिक्स और लीगल सिस्टम के हिसाब से हमने भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड और मलेशिया की तुलना की है।

भारत के मुकाबले आसियान देशों में कारोबार करना ज्यादा आसान

बजाज ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूँ तो अपने विश्लेषण में हम भारत को लेकर जिस नतीजे पर पहुँचे उसको लेकर हम बहुत खुश नहीं हैं। सीमित ही सही, हमारा जो भी अनुभव है, वह कहता है कि भारत के मुकाबले आसियान देशों में कारोबार करना ज्यादा आसान है।’