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कैलेंडर ईयर 2020 में 38.149 अरब डॉलर का प्राइवेट इक्विटी (PE) निवेश आया था। इसमें से 4.068 अरब डॉलर की रकम यानी 11% हिस्सा रियल एस्टेट सेक्टर में आई थी। इस बात का जिक्र दिग्गज प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। उसके मुताबिक 2019 में इस सेक्टर में 6.792 अरब डॉलर का PE इनवेस्टमेंट आया था। इस तरह सालाना आधार पर पर PE निवेश में 2.724 अरब डॉलर यानी 40% की कमी आई।
रियल एस्टेट में 5 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश
इसी तरह जेएलएल की एक रिपोर्ट में मुताबिक, 2020 में रियल एस्टेट सेक्टर में कुल 5 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश हुआ। यह साल भर यानी 2019 में हुए 5.4 अरब डॉलर के निवेश के 93% के बराबर है। शुरू के नौ महीने हालत बिगड़ी रहने के बाद सेक्टर में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टमेंट दिसंतर क्वॉर्टर में तेज उछाल के साथ 3.5 अरब डॉलर पर रहा। कंसल्टेंसी फर्म के मुताबिक, 2020 में बड़े ग्लोबल फंडों ने कोविड-19 के चलते रेंटल प्रॉपर्टी बाजार में अनिश्चितता का जमकर फायदा उठाया। उन्होंने ग्लोबल टेक्नोलॉजी प्लेयर और ग्लोबल इन-हाउस सेंटर वाले शहरों की रेंटल प्रॉपर्टी के लिए डेवलपर्स के साथ पोर्टफोलियो डील की।
रेंटल ऑफिस स्पेस में बनी रही निवेशकों की दिलचस्पी
नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल कहते हैं, ‘पीई इनवेस्टमेंट में पिछले साल सुस्ती के बावजूद रेंटल ऑफिस स्पेस में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही। कोविड-19 के चलते आई समस्याएं दूर होने और सेक्टर में बुनियादी बदलाव आने से 2021 में डील एक्टिविटी बढ़ सकती है।’ नाइट फ्रैंक इंडिया की चीफ इकनॉमिस्ट और नेशनल डायरेक्टर रजनी सिन्हा के मुताबिक, ‘ग्लोबल लॉकडाउन के चलते पीई इनवेस्टमेंट में पिछले साल कुछ समय सुस्ती रही थी। लेकिन जैसे-जैसे साल बीतता गया, इनवेस्टर्स का सेंटीमेंट मजबूत होता गया।’
PE इनवेस्टमेंट के इक्विटी पार्ट में बना बढ़ोतरी का ट्रेंड
रजनी कहती हैं, ‘इंडियन रियल एस्टेट में पिछले साल 4.1 अरब डॉलर का प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट आया था। इसमें से 2.64 अरब डॉलर यानी सालाना निवेश का 64% हिस्सा दिसंबर तिमाही में आया। 2011 के बाद से निवेशक डेट और इक्विटी के मिलेजुले रूप में पैसा लगाते रहे थे। लेकिन 2020 में प्राइवेट इक्विटी का ट्रेंड बदला और उसमें 96% निवेश इक्विटी रूट से आया। निकट भविष्य में यह ट्रेंड बना रह सकता है।’
रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट में रिकवरी व्यापक नहीं रही
जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि दिसंबर तिमाही में संस्थागत निवेश स्मार्ट रिकवरी के साथ 3.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया लेकिन रिकवरी व्यापक नहीं रही है। पिछले साल इस सेक्टर में 27 डील हुईं जबकि 2019 में डबल यानी 54 डील हुई थीं। इसके अलावा पिछले साल दो बड़ी पोर्टफोलियो डील 3.2 अरब डॉलर की हुई जो कुल निवेश के 65 पर्सेंट के बराबर थी। इसके अलावा निवेश का बड़ा हिस्सा यानी 3.1 अरब डॉलर ऑफिस स्पेस में आया था जो 2019 में 2.87 अरब डॉलर था। हालांकि, रेजिडेंशियल स्पेस में संस्थागत निवेश 46 करोड़ डॉलर रह गया जो 2019 में 1.07 अरब डॉलर था।
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