पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) बैंक को उबारने की योजना बन रही है। खबर है कि सेंट्रम और भारत पे इस बैंक में 1,800 करोड़ रुपए डालेंगे। इससे इसे आगे चलाने में मदद मिलेगी। साथ ही PMC का नाम भी बदल जाएगा। इसका दूसरा नाम रखा जाएगा।
रिजर्व बैंक ने सैद्धांतिक मंजूरी दी
दरअसल PMC बैंक को इन्हीं दोनों में मिलाने का प्रस्ताव है। रिजर्व बैंक ने इसके लिए सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेस को सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है। इसके लिए एक स्मॉल फाइनेंस बैंक सेटअप किया जाएगा। उसी में PMC को मिलाया जाएगा। रिजर्व बैंक की मंजूरी 1 फरवरी 2021 के उस प्रस्ताव के बदले दी गई है जो सेंट्रम ने उसे सौंपा था। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में 3 नवंबर 2020 को नोटिफिकेशन जारी किया था।
दिक्कत खत्म हो जाएगी
रिजर्व बैंक के इस कदम से करीबन दो साल से PMC की चल रही दिक्कत अब खत्म होने वाली है। PMC में अभी भी इसके जमाकर्ताओं का 10,723 करोड़ रुपए फंसा है। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2019 में इस पर प्रशासक बिठाया था। सेंट्रम ने स्माल फाइनेंस बैंक के लिए गुड़गांव की भारत पे के साथ बराबरी का ज्वाइंट वेंचर किया है।
सेंट्रम कैपिटल होगा प्रमोटर
सेंट्रम कैपिटल इस स्माल फाइनेंस बैंक का प्रमोटर होगा। कंपनी ने कहा कि यह PMC में सरकार की मर्जर स्कीम के बाद 1,800 करोड़ रुपए की रकम डालेगा। इसमें से ज्वाइंट वेंचर में पहले साल 900 करोड़ रुपए और बाकी की रकम कई चरणों में डाली जाएगी। हालांकि सेंट्रम PMC का 6,500 करोड़ रुपए का बुरा फंसा कर्ज यानी NPA और 10,723 करोड़ रुपए की जमा रकम भी लेगा या नहीं यह सरकार की मर्जर स्कीम के नोटिफिकेशन के बाद ही पता चलेगा।
सरकार तय करेगी नियम
दरअसल सरकार ही इसका पूरा नियम और शर्त तय करेगी और यह मर्जर स्कीम के नोटिफिकेशन में ही आएगा। सेंट्रम ग्रुप ने रिजर्व बैंक के जरूरी 200 करोड़ रुपए की तुलना में 9 गुना यानी 1,800 करोड़ रुपए की रकम का बंदोबस्त किया है। रिजर्व बैंक का यह नियम स्माल फाइनेंस बैंक के लिए है और PMC को उसी कैटेगरी में लाया जा रहा है। अगर यह स्कीम सफल होती है तो करीबन 5 साल बाद यह पहला स्माल फाइनेंस बैंक होगा जिसे लाइसेंस मिलेगा। इससे पहले 2016 में स्माल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिला था।
120 दिनों का समय दिया गया है
रिजर्व बैंक ने सेंट्रम को 120 दिनों का समय दिया है। इसी समय में सेंट्रम को फिट एंड प्रॉपर शर्तों को पूरा करना होगा। इसके बाद ही फाइनल लाइसेंस मिलेगा। जसपाल बिंद्रा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस तय समय में हम सब काम पूरा कर लेंगे। सेंट्रम ग्रुप के चेयरमैन जसपाल बिंद्रा 2016 में सेंट्रम में आए थे। उससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के एशिया के सीईओ थे। उन्होंने सेंट्रम में 25 पर्सेंट हिस्सेदारी ली थी। उन्होंने कहा कि स्माल फाइनेंस बैंक बनने से पहले वे सभी एनबीएफसी लाइसेंस सरेंडर कर देंगे।
बिंद्रा ने कहा कि 2018 से हम भारत पे को जानते हैं और दोनों मिलकर बिजनेस को पूरा करेंगे। भारत पे के पास टेक्नोलॉजी है। उन्होंने कहा कि इस बिड से पहले हम दोनों लाइसेंस के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहे थे।
1977 से सेंट्रम है
सेंट्रम ग्रुप को 1977 में शुरू किया गया था। यह कई सेक्टर में काम करती है। यह इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, मिड कॉर्पोरेट और एसएमई को उधारी देती है। साथ ही यह ब्रोकिंग का भी काम रिटेल और संस्थागत निवेशकों के लिए करती है। यह एमएसएमई क्रेडिट, वेल्थ मैनेजमेंट, सस्ते घरों और छोटे लोन मुहैया कराती है।
एक्सचेंज पर लिस्टेड है कंपनी
सेंट्रम कैपिटल एक्सचेंज पर लिस्टेड है। इसका वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही यानी मार्च तिमाही में 16 करोड़ रुपए का घाटा रहा है। एक साल पहले इसी समय में इसे 3.35 करोड़ रुपए का फायदा था। भारत पे केवल ढाई साल पुरानी कंपनी है। इसका रेवेन्यू एक साल पहले 110 करोड़ रुपए था जबकि इस साल 700 करोड़ रुपए था। इसका लोन बुक 1,600 करोड़ रुपए का है।
PMC की कुल जमा 10,727 करोड़ रुपए थी
मार्च 2020 तक PMC की कुल जमा 10,727 करोड़ रुपए थी। इसकी उधारी 4,472 करोड़ रुपए और एनपीए 3,518 करोड़ था। इसे 6,835 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। इसकी नेटवर्थ भी निगेटिव थी। इसके कुल 8,880 करोड़ रुपए के लोन में 6,500 करोड़ रुपए अकेले दीवान हाउसिंग फाइनेंस यानी DHFL को दिया गया था। DHFL को पीरामल ग्रुप ने लिया है।
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