रसना ग्रुप के फाउंडर आरिज पिरोजशाह खंबाटा का 85 साल की उम्र में निधन हो गया। रसना ग्रुप ने बताया कि शनिवार, 19 नवंबर को उनका निधन हुआ है। रसना को 80 और 90 के दशक में रसना को पॉपुलर बनाने वाले खंबाटा ही थे। रसना अब 60 देशों में मिलता है।
रसना फाउंडेशन के चेयरमैन थे
आरिज खंबाटा बेनेवलेंट ट्रस्ट और रसना फाउंडेशन के चेयरमैन थे। वह WAPIZ (पारसी ईरानी जरथोस्टिस का वर्ल्ड अलवायंस) के पूर्व चेयरमैन और अहमदाबाद पारसी पंचायत के पूर्व प्रेसिंडेंट होने के साथ, भारत के पारसी जोरास्ट्रियन अंजुमन्स फेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट भी थे। रसना ग्रुप के बयान में कहा गया है कि 'खंबाटा ने इंडियन इंडस्ट्री, बिजनेस और सोशल डेवलपमेंट में सोशल सर्विस से अत्यधिक योगदान दिया है।"
दुनिया का सबसे बड़ा सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट मैन्युफैक्चरर
देश में 18 लाख रिटेल शॉप पर आइकॉनिक होम-ग्रोन बेवरेज ब्रांड बेचा जाता है। रसना अब दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट मैन्युफैक्चरर है। रसना अब दुनिया भर के 60 देशों में बेचा जाता है और मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन्स (MNCs) के वर्चस्व वाले बेवरेज सेगमेंट में हमेशा एक मार्केट लीडर रहा है। खंबाटा ने 1970 के दशक में उच्च कीमत पर बेचे जाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक प्रोडक्ट के विकल्प में इसे पेश किया था।
इसकी एड कैंपेन आज भी लोगों के जहन में
5 रुपए के रसना के एक पैकेट को 32 गिलास सॉफ्ट ड्रिंक में बदला जा सकता था, जिसकी कीमत मात्र 15 पैसे प्रति गिलास है। इसकी एड कैंपेन 'आई लव यू रसना' को आज भी याद किया जाता है। 80 और 90 के दशक में पले-बढ़े लोगों के दिमाग में ये कैंपेन आज भी ताजा है।
रसना के शुरू होने की कहानी
सन 1976 में अहमदाबाद के खंबाटा परिवार ने रेडी-टू-सर्व कांसन्ट्रेट सॉफ्ट ड्रिंक्स बनाए और इन्हें ऑरेंज की एक वैरायटी के नाम, ‘जाफे’ के साथ लॉन्च कर दिया। कुछ ही समय में परिवार की दूसरी पीढ़ी के अरीज खंबाटा ने पाया कि ‘जाफे’ ब्रांड नेम से लोग ऑरेंज को नहीं पहचानते। ऐसे में उन्होंने 1979 में इस कांसन्ट्रेट सॅाफ्ट ड्रिंक का ब्रांड नेम बदल कर नया नाम दिया रसना, यानी रस (ज्यूस) कर दिया।
मध्यमवर्गीय परिवारों के मन पर छाया
अरीज खंबाटा के बेटे पिरुज खंबाटा 18 वर्ष के होने के साथ ही पुश्तैनी कारोबार से जुड़े। कंपनी का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बड़ा करते हुए पिरुज खंबाटा अपने दादा व पिता का यह बिजनेस मंत्र नहीं भूले कि उत्पाद भारतीय परंपरा के अनुसार हो, उनका आधार फल हो और मूल्य मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अफोर्डेबल हो। पिरुज खंबाटा ने इन बुनियादी शर्तों को पूरा करते हुए रेडी-टू-सर्व सुविधा का भी ध्यान रखा।
सक्सेस में ब्रांड प्रमोशन ने अहम भूमिका
रसना की सफलता में ब्रांड प्रमोशन ने अहम भूमिका निभाई है। रसना का एड कैंपेन 1984 से 2005 तक मुद्रा कम्युनिकेशंस 2005 से 2009 तक डेंटसूने और 2009 से रेडी-यूजन ने संभाला है। 1980 में रसना के कॉमर्शियल की पंच लाइन थी ‘आई लव यू रसना’ और पहली रसना गर्ल (मॉडल) थी अंकिता जवेरी जो आज दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री हैं।
इसके बाद रसना गर्ल बनी तरुणी सचदेवा, जिन्हें भी रसना के विज्ञापन के बाद 50 विज्ञापनों में मौका मिला तो बड़े परदे पर उन्होंने ‘पा’ में अभिनय किया। अंकिता जवेरी व तरुणी सचदेवा के अलावा ऋतिक रोशन, अनुपम खेर, परेश रावल, कपिल देव, रिचड्र्स विवियन, जेनीलिया डिसूजा और वीरेंद्र सहवाग जैसे सेलिब्रिटी रसना के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं।
वर्तमान बाजार हिस्सेदारी 80% के करीब
भारत के प्रतिष्ठित पेय ब्रांडों में से एक, रसना ने पिछले तीन दशकों में अपने लिए एक नीश मार्केट तैयार किया है। इंटरनेशनल कंपनियों से कॉम्पिटिशन के बीच, रसना ने अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखी है और अपने कई कॉम्पिटिटर्स को कड़ी टक्कर दी है। सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट मार्केट में ब्रांड की वर्तमान बाजार हिस्सेदारी 80% के करीब है, इसके बाद मोंडेलेज इंडिया-मार्केटेड टैंग का स्थान है।
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