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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अजय पीरामल के पीरामल ग्रुप को दीवान हाउसिंग फाइनेंस के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिडेट (DHFL) को अधिग्रहित करने के लिए लगी बोली में पीरामल ग्रुप के जीतने के लगभग 1 महीने बाद मिली है। 15 जनवरी को पीरामल ग्रुप ने कर्ज में डूबी दीवान DHFL को खरीदने के लिए बोली जीत ली थी।
ओकट्री कैपिटल का ऑफर ज्यादा, फिर भी नहीं मिली थी मंजूरी
ओकट्री कैपिटल ने DHFL के लिए 38.40 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई थी जबकि पीरामल ने 37.25 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। लेकिन बैंकों की समिति में उसे सिर्फ 45% वोट मिले। बोली जीतने के लिए कम से कम 66% वोटों की जरूरत थी। पीरामल की बोली को 94% वोट मिले हैं।
DHFL पर करीब 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
DHFL पर 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें बैंक, नेशनल हाउसिंग बोर्ड, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड होल्डर्स का पैसा शामिल है। DHFL पर सबसे ज्यादा कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का है। एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 तक DHFL के पास 79,800 करोड़ रुपए के असेट्स थे। इसमें से 50,227 करोड़ रुपए या कुल पोर्टफोलियो का 63% हिस्सा नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) घोषित हो चुका है।
DHFL पर किसका कितना कर्ज
कर्जदाता | राशि |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 10083 |
बैंक ऑफ इंडिया | 4125 |
केनरा बैंक | 2681 |
नेशनल हाउसिंग बोर्ड | 2434 |
यूनियन बैंक | 2378 |
सिंडिकेट बैंक | 2229 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 2075 |
इंडियन बैंक | 1552 |
सेंट्रल बैंक | 1389 |
IDBI बैंक | 999 |
HDFC बैंक | 361 |
नोट: राशि करोड़ रुपए में है।
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