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आरबीआई का फैसला:लोन मोराटोरियम अवधि 3 महीने और बढ़ाई, अब अगस्त तक मिलेगी ईएमआई भुगतान की मोहलत

नई दिल्ली3 वर्ष पहले
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कोरोना संक्रमण के कारण आम आदमी की आय भी प्रभावित हुई है। इसको देखते हुए ईएमआई के भुगतान में छूट की अवधि को बढ़ाया गया है - Dainik Bhaskar
कोरोना संक्रमण के कारण आम आदमी की आय भी प्रभावित हुई है। इसको देखते हुए ईएमआई के भुगतान में छूट की अवधि को बढ़ाया गया है
  • आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी जानकारी
  • 1 मार्च से लागू है लोन के भुगतान में मोहलत की सुविधा

कोरोना संक्रमण से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कई ऐलान किए। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दांस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि लोन मोराटोरियम (कर्ज चुकाने के लिए मोहलत) की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ाया जा रहा है।

अब 31 अगस्त तक नहीं देनी होगी ईएमआई

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इसके कारण आम आदमी की आय भी प्रभावित हुई है। इसको देखते हुए ईएमआई के भुगतान में छूट की अवधि को बढ़ाकर अगस्त तक किया जा रहा है। यानी अब लोन लेने वालों को 31 अगस्त तक ईएमआई का भुगतान नहीं करना होगा। हालांकि, यह सुविधा स्वैच्छिक है और यदि कोई ईएमआई का भुगतान करना चाहे तो वो कर सकता है। आरबीआई ने सभी कमर्शियल, रीजनल, रूरल, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया गया है।

क्रेडिट स्कोर पर नहीं पड़ेगा असर

ईएमआई के भुगतान को टालने से आम आदमी के क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आरबीआई ने कहा है कि मोराटोरियम अवधि को क्रेडिट स्कोर की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा। साथ ही मोराटोरियम का लाभ लेकर ईएमआई नहीं देने वाले खातों को डिफॉल्ट भी नहीं घोषित किया जाएगा। आरबीआई ने यह कदम ऐसे लोगों के लिए उठाया है जिनके पास लॉकडाउन की वजह से वाकई में नकदी की कमी हो गई है। इससे उन्हें कर्ज के भुगतान के लिए कुछ समय मिल जाएगा।

चुकाना होगा पूरा लोन

अब 6 महीने तक ईएमआई में भुगतान की छूट मिलने का यह मतलब नहीं है कि आपको इस अवधि का लोन नहीं चुकाना होगा। बल्कि आपको पूरा लोन चुकाना होगा। आपको केवल ईएमआई के भुगतान की छूट मिली है। मोराटोरियम अवधि के खत्म होने के बाद आपकी ईएमआई दोबारा से शुरू हो जाएगी।

मार्च में किया था मोराटोरियम सुविधा का ऐलान

कोरोना संक्रमण सामने आने के बाद आरबीआई गवर्नर ने 27 मार्च को पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को कोरोना की वजह से टर्म लोन की किस्त वसूली तीन महीने तक टालने की अनुमति दी थी। आरबीआई ने कहा था कि वे टर्न लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई की वसूली तीन महीने के लिए टाल दें। साथ ही आरबीआई ने इसे एनपीए खाते में नहीं रखने की भी छूट दी थी। आरबीआई ने 1 मार्च से लोन मोराटोरियम की लागू करने को कहा था।

कई बैंकों ने की थी मोराटोरियम अवधि बढ़ाने की सिफारिश

इस महीने की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर ने कई बैंकों के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो अलग-अलग सत्रों में बैठक की। इस दौरान बैंकों ने आरबीआई से कहा था कि अधिकांश कारोबारियों का मानना है कि इस महीने के अंतिम सप्ताह से पहले कारोबार शुरू होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में वे पहले से जमा ब्याज राशि का 31 मई के बाद भुगतान करने की स्थिति में नहीं होंगे। ऐसे में बैंकों ने आरबीआई से मोराटोरियम सुविधा को तीन महीने और बढ़ाने की सिफारिश की थी।

लॉकडाउन में तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस

कोरोना से निपटने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन की अवधि में केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए राहत के उपायों की जानकारी दी है। इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस 27 मार्च और दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 17 अप्रैल को की थी। इन दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी।