रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने ऑयल टू केमिकल के कारोबार को अलग यूनिट में तब्दील करने की योजना का विस्तार किया है। इसकी घोषणा छह महीने पहले अप्रैल में की गई थी। दरअसल कंपनी ऑयल टू केमिकल बिजनेस को अलग कर नई यूनिट रिलायंस ओटूसी लिमिटेड में तब्दील करने वाली है।
रिलायंस ओटूसी लिमिटेड
कंपनी ऑयल टू केमिकल असेट्स में शामिल रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, रिटेल फ्यूल और बल्क होलसेल मार्केटिंग कारोबार के साथ साथ इनके असेट्स और देनदारियों को एक नई यूनिट में ट्रांसफर करेगी। इससे पहले कंपनी ने अप्रैल में ही ऑयल एंड केमिकल (ओटूसी) कारोबार को रिलायंस ओटूसी लिमिटेड नाम की नई यूनिट में ट्रांसफर करने की योजना को मंजूरी दे दी थी।
6 सितंबर को कंपनी ने स्पष्ट किया कि, ऑयल टू केमिकल कारोबार में रिलायंस एथेन होल्डिंग लिमिटेड, रिलायंस गैस पाइपलाइन लिमिटेड, गुजरात केमिकल पोर्ट लिमिटेड, रिलायंस कॉरपोरेट आईटी पार्क लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड सहित अन्य के असेट्स को रिलायंस ओटूसी लिमिटेड में शामिल नहीं किया जाएगा।
सऊदी अरामको के साथ डील
दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने रिफाइनिंग और केमिकल कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली है। सऊदी अरब की सरकारी ऑयल कंपनी सऊदी अरामको से इससे संबंधित डील पर बात भी चल रही है। कंपनी इस डील से करीब 1.09 लाख करोड़ की रकम जुटाएगी। हालाँकि, डील में देरी हुई है। इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ब्रिटेन मूल की कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) को फ्यूल रिटेल वेंचर में 49 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी।
कंपनी की वेबसाइट्स पर दी जानकारी के अनुसार, ऑयल एंड केमिकल कारोबार में स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
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