मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल में निवेशकों का तांता लगा हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को सिंगापुर सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी से 5,512.5 करोड रुपए मिल गए हैं। आरआईएल ने 3 अक्टूबर को अपनी रिटेल सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) की 1.22 फीसदी हिस्सेदारी जीआईसी को बेचने की घोषणा की थी।
नौ सितंबर से शुरू हुआ निवेश का सिलसिला
रिलायंस रिटेल में निवेश का सिलसिला नौ सितंबर से शुरू हुआ था। इसके लिए अंबानी अब तक विदेशी निवेशकों से 32,197.50 करोड़ रुपये से अधिक निवेश जुटा चुके हैं। इससे पहले केकेआर, जनरल अटलांटिक, मुबाडला और सिल्वर लेक पार्टनर्स इसमें निवेश का एलान कर चुके हैं, जिसके बदले उन्हें कंपनी में कुल 7.28 फीसदी की हिस्सेदारी मिलेगी।
देश का तेजी से बढ़ता प्लेटफॉर्म है रिलायंस रिटेल
रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल देश का तेजी से बढ़ता रिटेल प्लेटफॉर्म है। ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म जियोमार्ट समेत रिलायंस रिटेल कई प्रकार के रिटेल और होलसेल कारोबार करता है। रिलायंस रिटेल के देश के 7000 कस्बों में 12 हजार से ज्यादा स्टोर हैं।
जियो में 1.52 लाख करोड़ रुपए का निवेश
रिलायंस जियो में कुल 1.52 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है। जबकि रिटेल से भी मुकेश अंबानी इतना ही निवेश जुटाना चाहते हैं। रिलायंस ग्रुप पर 1.60 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था और जियो के पैसे से कंपनी नेट डेट फ्री हो गई है। ऐसे में रिटेल में आने वाले निवेश से मुकेश अंबानी आगे के विस्तार पर पैसे लगाएंगे। इसलिए आनेवाले समय में करीबन 10 कंपनियां रिलायंस रिटेल में हिस्सा खरीद सकती हैं।
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