बेंगलुरु स्थित टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए व्यापार और लेखा सॉफ्टवेयर के माध्यम से बाजार में अपना एक अलग स्थान बना लिया है। देश में इस कंपनी के पास इस बिजनेस में 70% बाजार हिस्सेदारी है। पूरी दुनिया में प्रयोग किए जाने वाले टॉप तीन बिजनेस सॉफ्टवेयर में टैली की गिनती की जाती है।
श्याम सुंदर गोयनका ने अपने बेटे भारत गोयनका के साथ कंपनी की शुरुआत 1986 में की थी। 2016 में कंपनी के यूजर्स का आंकड़ा 10 लाख को छू लिया और इसके बाद महज पांच साल में ये आंकड़ा दोगुना हो गया। मौजूदा समय में कंपनी के पास 70 लाख से अधिक यूजर्स हैं।
लाइसेंस धारक यूजर्स की बात करें तो वो संख्या 20 लाख है, जबकि अनलाइसेंस्ड की संख्या 3-4 गुना ज्यादा है। पिछले कुछ सालों में जो इसका प्रसार हुआ है और आज वो एक व्यापक व्यवसाय प्रबंधन समाधान के रूप में अपनी जगह स्थापित कर चुका है। यह न केवल एक व्यवसाय की लेखांकन आवश्यकता को पूरा करता है, बल्कि बैंकिंग, इन्वेंट्री, पेरोल और कराधान जैसे अन्य पहलुओं का भी सरल सॉल्यूशन बन चुका है।
बाजार के जरूरतों के हिसाब से कदमताल बिठाती टैली उन लोगों के लिए भी एक जबरदस्त माध्यम बन चुकी है जिनको कंम्प्यूटर में महारत नहीं है, लेकिन वो टैली का प्रयोग आसानी से कर रहे हैं। इसके चलते टैली का आदर्श वाक्य 'पावर ऑफ सिंपलीसिटी' पूरी तरह से सार्थक हो जाता है। इसे यूजर सिंपल टू यूज प्रोडक्ट भी कहते हैं।
टैली कोडलेस लेखांकन सॉफ्टवेयर के साथ आने वाली दुनिया की पहली कंपनी थी। बाजार में उपलब्ध किसी भी अन्य लेखांकन सॉफ्टवेयर के विपरीत, कंपनी ने जानबूझकर कोडित भाषा का उपयोग किए बिना PFA सॉफ्टवेयर लिखने का फैसला किया, ताकि इसे छोटे व्यवसायों द्वारा आसानी से उपयोग किया जा सके। चूंकि इसने कंप्यूटर पर लेखांकन के लिए पारंपरिक पुस्तक-आधारित लेखांकन से उनके निर्बाध संक्रमण में व्यवसायों की मदद की, सॉफ्टवेयर अपने शुरुआती सालों में ही एक सफलतम माध्यम बन गया और बाजार में मांग वाले सॉफ्टवेयर ब्रांड के रूप में टैली को स्थापित करने के लिए चला गया, जहां TCS, विप्रो और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसे बड़े खिलाड़ियों की उपस्थिति पहले से ही थी।
टैली का नेतृत्व मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) तेजस गोयनका और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नूपुर गोयनका द्वारा किया जा रहा है। इनके नेतृत्व में कंपनी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है।
व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देते हुए, भारत सरकार ने 2020 में भारत गोयनका को ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया। 2011 में नैस्कॉम ने गोयनका को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया था। साथ ही 'द फादर ऑफ द इंडियन' का खिताब भी दिया था। इसके अलावा उन्हें 2014 में कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा सीएसआई (CSI) मानद फैलोशिप पुरस्कार दिया गया था।
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