दिल की बीमारियों और डायबिटीज सहित कई बीमारियों के इलाज से जुड़ी जरूरी दवाओं की कीमतें इस साल 10% से ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। यह बढ़ोतरी अब तक की सबसे ज्यादा है।
2022 में थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव के अनुरूप ही सरकार आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) के तहत दवाओं की कीमतों काे 12.2% की बढ़ोतरी की इजाजत देने की तैयारी कर रही है।
NPPA ने फार्मा कंपनीज काे करीब 10 फीसदी दाम बढ़ाने की इजाजत दी थी
नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) की जॉइंट कमिश्नर रश्मि टहलियानी ने कहा कि 2021 की तुलना में थोक मूल्य सूचकांक में सालाना 12.12 फीसदी का बदलाव हुआ है। इससे 27 बीमारियों के इलाज के 900 फॉर्मूलेशन से संबंधित 384 मॉलेक्यूल की कीमतें 12% बढ़ने की संभावना है।
गैर-जरूरी की सूची से बाहर की दवाओं की कीमतों में 10% की बढ़ोतरी की छूट दी जाएगी। पिछले साल NPPA ने फार्मा उघोग काे करीब 10 फीसदी दाम बढ़ाने की इजाजत दी थी।
एक अप्रैल से लागू होगा नया नियम
पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता को अब दवा भी महंगी पड़ेगी। अप्रैल से पेनकिलर्स, ऐंटी-इन्फेक्टिव्स, ऐंटीबायोटिक्स और दिल की दवाएं महंगी होने जा रही हैं। सरकार ने ड्रग कंपनियों को कीमतें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। कीमतें होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) में बदलाव के आधार पर बढ़ेंगी।
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