अप्रैल से कोरोना ने भले ही अर्थव्यवस्था पर अपना असर डाला हो, लेकिन शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और आईपीओ जैसे सेक्टर ने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। यही नहीं, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अब तक का सबसे ज्यादा फायदा कंपनियों ने दिया है। ऐसी उम्मीद है कि 2018 और 2019 का आईपीओ का रिकॉर्ड इस साल टूट सकता है।
12 कंपनियों ने लाया इश्यू
आंकड़े बताते हैं कि इस साल अब तक 12 कंपनियों ने इनीशियल पब्लिक आफरिंग (IPO) लाया है। इसके जरिए इन कंपनियों ने 25 हजार करोड़ रुपए जुटाए हैं। जबकि 2019 में 16 कंपनियों ने कुल 12 हजार 362 करोड़ रुपए जुटाया था। यानी 2019 की तुलना में नवंबर के अंत तक ही इस साल कंपनियों ने दोगुना रकम जुटा ली है। जबकि इसी हफ्ते बगर्र किंग का 810 करोड़ रुपए का IPO आ रहा है।
2018 से ज्यादा हो सकती है रकम
विश्लेषकों का मानना है कि 2018 का भी रिकॉर्ड इस साल टूट सकता है। क्योंकि दिसंबर में कई कंपनियां IPO लेकर आ रही हैं। कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी को देखते हुए कंपनियां अब IPO ला रही हैं। बता दें कि इस साल कोरोना की वजह से पहली छमाही में तो IPO का बाजार बिलकुल ही सूना था। हालांकि उसके बाद IPO बाजार ने रफ्तार पकड़ ली। लिक्विडिटी की बेहतर स्थिति तथा निवेशकों की दिलचस्पी के चलते कंपनियों के IPO को अच्छा सब्सक्रिप्शन मिला है। ऐसे में 2021 में भी IPO बाजार मजबूत रहने की उम्मीद है।
हर सेक्टर की कंपनियों ने जुटाया पैसा
2020 में IPO बाजार में अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियां बाजार में उतरी हैं। अब फार्मा, टेलीकॉम, आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनियां भी IPO बाजार में उतर रही हैं। अप्रैल, मई जून तक बाजार पूरी तरह से सुखा रहा। एकमात्र रोसारी बायोटेक का IPO चालू वित्तीय वर्ष में आया। हालांकि सितंबर में आईपीओ ने रफ्तार पकड़ी। कुल 8 कंपनियों ने इश्यू लाया और 7127 करोड़ रुपए जुटाए। इसमें यूटीआई और कैम्स प्रत्येक का आईपीओ 2100 करोड़ से ज्यादा था।
इस साल जो भी आईपीओ आए उनको रिस्पांस बहुत अच्छा मिला कुछ को 50 गुना कुछ को 100 गुना भी रिस्पांस मिला। रिटेल निवेशकों ने जमकर पैसे लगाए हैं।
पिछले साल की तुलना में अधिक रकम जुटाई
विश्लेषकों के मुताबिक, इस साल के जरिये पिछले साल की तुलना में अधिक राशि जुटाई गई है। इसकी वजह है कि कंपनियां और रिटेल इन्वेस्टर्स प्राइमरी मार्केट को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। इसके अलावा कंपनियां अनिश्चितताओं की वजह से भी अपनी आगे की जरूरतों के लिए पूंजी जुटाना चाहती हैं। 2018 में 24 कंपनियों ने IPO से 30,959 करोड़ रुपए जुटाए तो इस साल नवंबर तक कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। दिसंबर का पहला आईपीओ बर्गर किंग का 810 करोड़ रुपए का है, जो 2 तारीख को खुलेगा।
एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट का सबसे बड़ा इश्यू
बड़े IPO की बात करें तो 2020 में एसबीआई कार्ड्स ने 10,355 करोड़ रुपए जुटाए तो ग्लैंड फार्मा ने 6,480 करोड़ रुपए जुटाए। कैम्स ने 2,240 करोड़ रुपए और यूटीआई असेट मैनेजमेंट कंपनी ने 2,160 करोड़ रुपए जुटाए हैं। अन्य IPO में रोसारी बायोटेक, हैप्पिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज, रूट मोबाइल, केमकॉन स्पेशियल्टी केमिकल्स, एंजल ब्रोकिंग, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, लिखिता इन्फ्रास्ट्रक्चर और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स शामिल रहे हैं।
इन 12 कंपनियों के अलावा माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स रीट ने जुलाई में आईपीओ से 4,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
शेयर बाजार ऐतिहासिक उंचाई पर
बता दें कि कोरोना के बावजूद इस साल शेयर बाजार ऐतिहासिक उंचाई पर है। दूसरी ओर कंपनियों ने दूसरी तिमाही में 1.50 लाख करोड़ रुपए का फायदा कमाया है जो 2014 की एक तिमाही में कमाए गए 1.18 लाख करोड़ से ज्यादा है। इसी दौरान म्यूचुअल फंड का असेट अंडर मैनेजमेंट भी 28 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड पर है। ऐसे में आईपीओ बाजार में भी तेजी बने रहने की उम्मीद है।
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