भारत में फ्लाइट्स से ट्रेवल करने वाले यात्रियों को जल्द ही एयरपोर्ट्स पर इमिग्रेशन की लंबी लाइनों से राहत मिल सकती है। अभी दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को इमिग्रेशन की लंबी लाइनों की समस्या का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ रहा है। यूनियन होम मिनिस्ट्री ने गुरुवार को इस मुद्दे पर एक बैठक की। क्योंकि इंटरनेशनल ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट शेयर कर इमिग्रेशन में आने वाली समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं।
यात्रियों के अकाउंट्स के अनुसार, इमिग्रेशन प्रोसेस में ज्यादा समय मानव रहित काउंटरों के कारण लगता है। पिछले साल के आखिरी में एयरपोर्ट के सूत्रों ने कहा था कि भारत ने तब यहां आने वाले विदेशियों के बायोमेट्रिक्स (फिंगरप्रिंट) लेना शुरू किया था, लेकिन तब इमिग्रेशन सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाना बाकी था।
इमिग्रेशन काउंटरों पर लंबी कतारें देखी जा रही
पिछले साल के अंत से दूसरे सबसे व्यस्त इंडियन एयरपोर्ट, मुंबई में इमिग्रेशन काउंटरों पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं। वहीं देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट, दिल्ली के IGIA में हाल ही में यह समस्या देखने को मिली है।
जल्द से जल्द हल होगें इमिग्रेशन के मुद्दे
ट्रैवल इंडस्ट्री के इंटरनल सोर्स इस गर्मी में इंटरनेशनल ट्रैवल में ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं। वे आशा करते हैं कि होम मिनिस्ट्री के हस्तक्षेप के बाद प्रभावित एयरपोर्ट्स पर इमिग्रेशन के मुद्दे जल्द से जल्द हल हो जाएंगे। इमिग्रेशन और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) एयरपोर्ट्स पर 2 प्रमुख एजेंसियां- MHA के अधीन हैं।
केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला ने गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट्स पर इमिग्रेशन से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की। जिसमें मुख्य रूप से टर्मिनल 3 पर ज्यादा फोकस किया गया, जहां इमिग्रेशन में आइडियल वेटिंग टाइम से ज्यादा समय लग रहा है।
बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स ने हिस्सा लिया
बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स ने हिस्सा लिया, जिसमें दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL), ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स के अधिकारी भी शामिल थे।
इमिग्रेशन वेटिंग टाइम में कटौती करेगी सरकार
एक सूत्र ने बताया कि सरकार प्रमुख एयरपोर्ट्स पर इमिग्रेशन के लिए वेटिंग टाइम में कटौती करने की तैयारी कर रही है। यह ध्यान में रखते हुए कि भारत एक प्रमुख मार्केट के रूप में उभर रहा है और एयरपोर्ट्स पर अराइवल-डिपार्चर का बढ़ना तय है। एयर ट्रैफिक में ग्रोथ के साथ एयरपोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर, लेआउट, सिक्योरिटी चेक प्रोसेस और इमिग्रेशन मैनेजमेंट को मैच करने पर फोकस किया गया है।
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