सरकार ने बुधवार को जून के थोक महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जून में होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) घटकर 12.07% पर आ गई, जो मई में लगातार 5वें महीने बढ़कर रिकॉर्ड 12.94% पर पहुंच गई थी। वहीं, जून 2020 में थोक महंगाई दर 1.81% थी।
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक जून में थोक महंगाई दर 12% से ज्यादा होने की सबसे बड़ी वजह मिनरल ऑयल का महंगा होना है। इसमें पेट्रोल, डीजल, नेफ्ता समेत जेट फ्यूल शामिल हैं। इसके अलावा मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट जैसे बेसिक मेटल और फूड प्रोडक्ट के भाव भी बढ़े हैं।
खानपान की चुनिंदा चीजें हुईं सस्ती
जारी रिपोर्ट के मुताबिक सालाना आधार पर फ्यूल और पावर सबसे ज्यादा 32.83% महंगे हुए। इसी तरह मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स 10.88% महंगा हुए। जबकि प्राइमरी आर्टिकल जून में 7.74% महंगे हुए हैं। हालांकि, खानपान की चीजें सस्ती होने से फूड इंडेक्स में महंगाई दर 6.66% पर आ गई, जो मई में 8.11% पर थी।
रिटेल महंगाई भी थोड़ी घटकर 6.26% पर आ गई
सरकार ने इससे पहसे सोमवार को रिटेल महंगाई और इंडस्ट्रियल आउटपुट के आंकड़े जारी किए थे। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर जून में घटकर 6.26% रही, जो मई में 6.30% थी। मई में महंगाई दर का यह आंकड़ा पिछले 6 महीनों में सबसे ज्यादा रही। इंडस्ट्रियल आउटपुट की बात करें तो सालाना आधार पर यह 29.2% बढ़ा, जो मई 2020 में 33.4% गिर गई थी।
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