थोक महंगाई अप्रैल में उछलकर 9.1% पर जा सकती है, जबकि खुदरा महंगाई घटकर 3.9% पर रह सकती है। ये बातें मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में कही है। उसका कहना है कि कोविड के बढ़ते मामलों के बीच महंगाई में उछाल इकोनॉमी पर दबाव बढ़ा सकता है।
मार्च में लो बेस के चलते थोक महंगाई दर 7.4% रही थी
मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, 'अप्रैल में पिछले साल के मुकाबले थोक महंगाई 9.1% रह सकती है। मार्च में लो बेस के चलते थोक महंगाई दर 7.4% रही थी। खाने पीने के दाम में महंगाई की रफ्तार घटने का अनुमान है। लेकिन कम बेस इफेक्ट के चलते दूसरे सामान में महंगाई में तेज उछाल आने का अनुमान है।'
मार्च में खुदरा महंगाई की दर सालाना आधार पर 5.5% थी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खुदरा महंगाई अप्रैल में घटकर 3.9% के लेवल पर आ सकती है। मार्च में खुदरा महंगाई की दर 5.5% थी। इसकी वजह बेस इफेक्ट के अलावा खाने-पीने के सामान के दाम में आई कमी थी। इसके अलावा पिछले साल के हाई बेस इफेक्ट के चलते कोर CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) में भी कमी आने का अनुमान है।
औद्योगिक उत्पादन में तेज उछाल आने का भी अनुमान
मॉर्गन स्टैनली ने रिपोर्ट में औद्योगिक उत्पादन दर में भी तेज उछाल आने का अनुमान दिया है। उसके मुताबिक, 'मार्च में औद्योगिक उत्पादन की दर 20.1% पर आ सकती है। पिछले फरवरी में लो बेस के चलते इस साल इस महीने सालाना आधार पर 3.6% की नेगेटिव ग्रोथ हुई थी। औद्योगिक उत्पादन दर में बढ़ोतरी कोर सेक्टर के डेटा में उछाल के अनुसार आ सकती है। औद्योगिक उत्पादन दर के डेटा में 40% कंट्रिब्यूशन कोर सेक्टर का होता है।'
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