जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स ने मर्जर का ऐलान कर दिया है। मर्जर से जुड़ी जरूरी प्रक्रिया के लिए तीन महीने का समय तय किया गया है। लेकिन ये मर्जर आसान नहीं है। दरअसल, जी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी 'इन्वेस्को' मर्जर में अड़ंगा लगा सकती है।
प्रमोटर्स की प्रमुख भूमिका होती है
किसी भी मर्जर में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में कम ही देखा जाता है कि इस तरह का एग्रीमेंट हो पाए, जब प्रमोटर्स के पास सिर्फ 4.77% हिस्सेदारी हो। दूसरी तरफ जी एंटरटेनमेंट में 18% की हिस्सेदारी रखने वाली इन्वेस्को कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ही है।
इन्वेस्को ने उठाया गवर्नेंस का मामला
इन्वेस्को ही वो निवेशक है जिसकी वजह से जी एंटरटेनमेंट में विवाद शुरू हुआ। दरअसल, इन्वेस्को का मानना था कि कंपनी का कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमजोर है। इन्वेस्को ने ही जी एंटरटेनमेंट में दो स्वतंत्र निदेशकों और MD पुनीत गोयनका को हटाने की मांग भी की। दो स्वतंत्र निदेशकों ने इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन MD पुनीत गोयनका ने पद छोड़ने से मना कर दिया। लेकिन, ये मामला आगे बढ़ता उसके पहले ही जी एंटरटेनमेंट ने सोनी के साथ मर्जर का ऐलान कर दिया।
विदेशी निवेशकों के पास 67.72% हिस्सा
जी एंटरटेनमेंट में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 4.77% जबकि फंड हाउसेज और दूसरे निवेशकों की हिस्सेदारी 95.23% है। इनमें म्यूचुअल फंड के पास 3.77%, विदेशी निवेशकों के पास 67.72% और LIC के पास 4.89% हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक, ग्लोबल असेट मैनेजमेंट कंपनी होने के नाते इन्वेस्को, विदेशी निवेशकों को अपने पक्ष में मोड़ सकती है। ऐसे में डील में पेंच फंस सकता है।
दरअसल, इन्वेस्को अपने निवेश पर 30-40% का फायदा चाहती है। उसने जी एंटरटेनमेंट में 400 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से पैसा लगाया है। उम्मीद के मुताबिक रिटर्न के लिए वो 500-550 रुपए प्रति शेयर पर ही अपना हिस्सा बेचने को तैयार होगी।
दो साल पहले भी की थी पार्टनरशिप की कोशिश
वैसे सोनी के साथ जी एंटरटेनमेंट ने दो साल पहले भी इसी तरह की पार्टनरशिप की कोशिश की थी। पर तब बात बन नहीं पाई। इस बार जी एंटरटेनमेंट ने सोनी को पार्टनर बनाने के लिए सभी शर्तों को मंजूर कर लिया। इनमें ये शर्त भी शामिल है कि मर्जर के बाद पुनीत गोयनका 5 साल के लिए जी एंटरटेनमेंट के MD बने रहेंगे। सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे अहम सेक्शन जी एंटरटेनमेंट के पास रहेंगे।
मर्जर के बाद सोनी की 52.93% हिस्सेदारी होगी
करार के तहत जी एंटरटेनमेंट और सोनी इंडिया का मर्जर होगा। सोनी इंडिया के प्रमोटर कंपनी में पूंजी डालेंगे। मर्जर के बाद बनी कंपनी में जी एंटरटेनमेंट के शेयर होल्डर्स की हिस्सेदारी 47.07% होगी। जबकि सोनी पिक्चर्स नेटवर्क की हिस्सेदारी 52.93% होगी। सोनी ग्रुप को मर्ज हुई कंपनी में मेजॉरिटी डायरेक्टर नॉमिनेट करने का अधिकार होगा।
11,605 करोड़ रुपए का निवेश
इस विलय के बाद सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट 11,605 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। मर्जर के लिए हुए करार में यह प्रावधान भी है कि प्रमोटर्स फैमिली को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 4.7% से बढ़ाकर 20% तक करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
जुलाई में इन्वेस्को ने की थी डील
जुलाई 2019 में इन्वेस्को ने कंपनी में 11% हिस्सेदारी खरीदने के लिए जी एंटरटेनमेंट के प्रमोटर्स के साथ डील की थी। यह सौदा 400 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 4,224 करोड़ रुपए में हुआ था। सूत्रों के मुताबिक इन्वेस्को की बगावत के बाद ही जी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने सोनी के साथ संपर्क साधा।
वित्त वर्ष 2020-21 में 1,120 करोड़ का मुनाफा
वित्त वर्ष 2020-21 में जी एंटरटेनमेंट का रेवेन्यू 6,665 करोड़ रुपए जबकि मुनाफा 1,120 करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में 1,609 करोड़ के रेवेन्यू पर कंपनी को 312 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ।
डिश टीवी में भी विवाद
जी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा के लिए मुसीबत यहीं खत्म नहीं होती है। उनके एस्सेल ग्रुप की कंपनी डिश टीवी में भी ऐसा ही कुछ मामला है। डिश टीवी में यस बैंक सबसे बड़ा शेयरधारक है। यस बैंक के पास 47% हिस्सेदारी है। बैंक ने नोटिस भेजकर कहा है कि जवाहर गोयल सहित डिश टीवी के वर्तमान अधिकारियों को हटाया जाए और नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। डिश टीवी के एक हजार करोड़ रुपए के राइट्स इश्यू का भी यस बैंक ने विरोध किया है।
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