केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने 9वीं और 11वीं में फेल हुए स्टूडेंट्स को इस बार बिना परीक्षा अगली क्लास में प्रमोट करने का फैसला किया है। दरअसल, अब संगठन ऐसे स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर अगली कक्षा में प्रोमट करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बारे में संगठन ने एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन भी जारी किया है। पहले इन कक्षाओं में अधिकतम दो विषयों में असफल होने पर स्टूडेंट को पास होने के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी पड़ती थी। सप्लीमेंट्री परीक्षा में पास होने पर ही अगली क्लास में प्रमोशन मिलता है। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं ली जाएगी।
कैसे होगा प्रमोशन?
इस बारे में केवीएस की संयुक्त आयुक्त प्रिया ठाकुर की तरफ से जारी एक पत्र के मुताबिक अगर स्टूडेंट 9वीं या 11वीं के सभी पांच विषयों में भी फेल घोषित होते हैं, तो स्कूल उन्हें दिए गए प्रोजेक्ट वर्क के आधार उनका मूल्यांकन करेगा। इसी आधार पर वह अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। यह फैसला स्कूल स्तर पर सप्लीमेंट्री परीक्षा के जरिए एक और अवसर देने के सुझाव के बाद किया गया। इसके तहत, फेल स्टूडेंट को प्रोजेक्ट वर्क तैयार करना होगा, जिसका मूल्यांकन कर टीचर नंबर देंगे। संगठन ने इसका परिणाम जारी करने के लिए 20 जुलाई तक का समय तय किया है।
सिलेबस पर बेस्ड होगा प्रोजेक्ट वर्क
प्रोजेक्ट वर्क के टॉपिक्स सिलेबस के आधार पर तय किए जाएंगे। स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाएगा। इसके बाद प्रोजेक्ट को ऑनलाइन सबमिट करना होगा। संगठन ने यह साफ किया कि प्रोजेक्ट वर्क स्टूडेंट्स को स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारी पर पूरा करना होगा। हालांकि, सब्जेक्ट टीचर को प्रोजेक्ट बना रहे स्टूडेंट्स से बातचीत करने और उसके बारे में सवाल-जवाब करने की अनुमति दी गई है।
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