‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’, सोहनलाल द्विवेदी की लिखी इस पंक्ति ने कोशिश करने वाले हर इंसान के लिए प्रेरणा का काम किया है। कोशिश के दम पर सफलता पाने वाली ऐसी ही एक लड़की है मेंगलुरु की रहने वाली 16 वर्षीय आदि स्वरूपा, जिन्होंने मेहनत और लगातार कोशिश कर दोनों हाथों से लिखने का रिकॉर्ड कायम किया है।
रायबरेली के लता फाउंडेशन संगठन ने घोषित किया रिकॉर्ड
स्वरूपा अध्ययन केंद्र में पढ़ने वाली आदि ने दोनों हाथों से एक साथ लिखने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाने का चाह रखने वाली आदि को आज 15 सितंबर अपने जन्मदिन के मौके पर यह रिकॉर्ड एक उपहार की तरह मिला है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली के लता फाउंडेशन संगठन ने आदि की इस प्रतिभा को एक विशेष विश्व रिकॉर्ड के रूप में घोषित किया है।
2 साल से कर रही प्रैक्टिस
उनके पिता, गोपाल गोपाकर कहते हैं कि स्वरूपा ने दोनों हाथ से लिखने की प्रैक्टिस उन्हीं के अध्ययन केंद्र से शुरू की। इसके लिए वह कभी किसी औपचारिक स्कूल में नहीं गई। लॉकडाउन के दौरान स्वरूपा ने खुद ही लेखन के 10 तरीके अपनाएं, जिसमें यूनिडायरेक्शनल, ओपोजिट डायरेक्शन, राइट हैंड स्पीड, लेफ्ट हैंड स्पीड, रिवर्स रनिंग, मिरर इमेज, हेटेरोटोपिक, हेटेरो लिंग्विस्टिक, एक्सचेंज, डांसिंग और ब्लाइंड फोल्डिंग शामिल हैं। इस मुकाम को हासिल करने के लिए वह 2 साल से भी ज्यादा समय से प्रयास कर रही है।
IAS अधिकारी बनना है लक्ष्य
स्वरूपा ने बताया कि वह IAS अधिकारी बनना चाहता है, और उनका लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराना है। उन्होंने कहा कि वह अगले साल SSLC परीक्षाओं में प्राईवेट कैंडिडेट के तौर पर शामिल होगी। आदि ने बताया कि, “मैंने दोनों हाथों से एक मिनट में एक साथ 40 शब्द लिखकर रिकॉर्ड बनाया है। काफी अभ्यास के बाद अब मैं एक मिनट में 50 शब्द लिख सकती हूं।" इससे पहले दोनों हाथों का उपयोग कर एक मिनट में 25 शब्दों के लिए रिकॉर्ड दर्ज था।
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