इस लॉकडाउन से न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में शिक्षा जगत पर गहरा प्रभाव पड़ा है। कहीं ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं तो कई कॉलेज ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जानिए, इस दौर में छात्र क्या करें जिससे दिक्कतें खत्म हो सकें।
ये हैं परेशानियां
तकनीक : टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग के साथ ही हर छात्र को अब इंटरनेट और स्मार्टफोन की जरूरत है। उनमें तकनीकी ज्ञान भी जरूरी है, ताकि वह अन्य की तुलना में पीछे न रह जाएं।
तनाव : भविष्य में आने वाले बदलाव की कोई जानकारी नहीं है, इसीलिए कई प्रतियोगी परीक्षाओं, रोजगार के अवसरों, शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण नहीं दिया जा सकता।
सुरक्षा : स्कूल या कॉलेज पुनः प्रारंभ होने पर भी छात्रों को सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य रहेगा, जिससे पूर्व की तरह सामान्य रूप से पढ़ाई या परीक्षाएं आयोजित करना संभव नहीं।
फील्ड-वर्क : डिजिटल क्लास फील्ड ट्रिप, लैब एक्सपेरिमेंट और आउटडोर एक्टिविटी जैसे अनुभवों की जगह नहीं ले सकते हैं।
रुकावट : पूरा शैक्षणिक सत्र प्रभावित हुआ है। फिर से शैक्षणिक सत्र का संचालन और शिक्षा के नुकसान से बचाव जरूरी है।
ये होंगे समाधान
प्लानिंग : छात्रों को आत्मनिरीक्षण कर इन स्थितियों में अवसरों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए, जिससे वे अपनी कमजोरियों और क्षमताओं के मद्देनजर प्लानिंग तैयार कर सकें।
प्रैक्टिस : वीडियो लैक्चर, नोट्स डाउनलोड कर, मुफ्त मॉक टेस्ट, ऑनलाइन क्विज से इस अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। कठिन विषयों के लिए पोर्टलों का उपयोग कर सकते हैं।
पेशेंस एंड स्किल्स: जॉब्स में पेशेंस के साथ जटिल निर्णय लेना, बातचीत में कुशल, टेक्नो अपडेट को परखा जाएगा। इसके लिए जीडी, शतरंज, स्क्रैबल, स्पेल-बी का इस्तेमाल करें।
डाइवर्ट : सोशल मीडिया या लगातार ऑनलाइन शो देखने से बचें। एप Forest का यूज आपको बताएगा कि आपने कितनी देर क्या किया।
फिटनेस : स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग होता है। इसलिए, छात्रों को व्यायाम करने और खुद को फिट रखने की आवश्यकता है।
ये होंगे मददगार
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