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- Teaching Pattern Will Change After Lockdown, 33% Students Sitting In Class, While Rest Will Attend Online Lecture From Hostel
ई-लर्निंग:लॉकडाउन के बाद बदल जाएगा टीचिंग पैटर्न, 33% स्टूडेंट्स क्लास में बैठकर, बाकी होस्टल से अटेंड करेंगे ऑनलाइन लेक्चर
- मैनिट में करीब 3500 अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स हैं, जिनकी क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना होगा
- आरजीपीवी में अब 25 प्रतिशत एकेडेमिक वर्क ऑनलाइन ही होगा। असाइनमेंट या डिजर्टेशन डिजीटली सब्मिट करना होगा
लॉकडाउन के बाद शहर के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स क्लासेस दोबारा शुरू करने के लिए कई इंतजाम कर रहे हैं। इसमें भोपाल के इंस्टीट्यूट्स का सबसे पसंदीदा ऑप्शन है, स्टूडेंट्स को क्लासरूम और होस्टलरूम में ऑल्टरनेट स्टडी ऑप्शन देना। हमने मैनिट, आईसर, आरजीपीवी और एनएलआईयू के हेड्स से बात की। इन चार इंस्टीट्यूट्स में करीब 11,500 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं।
मैनिट: हाईब्रिड टीचिंग मोड्यूल से ऑनलाइन होंगे
मैनिट के डायरेक्टर डॉ. नरेन्द्र रघुवंशी ने बताया- मैनिट में करीब 3500 अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स हैं, जिनकी क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना होगा।
- हम स्टूडेंट्स को हाईब्रिड टीचिंग मॉड्यूल पर ले जाएंगे। इसमें होस्टल से भी क्लासरूम लेक्चर अटेंड कर पाएंगे।
- क्लासेज को दो बैच में बांटेंगे, हर ऑल्टरनेट डे पर स्टूडेंट को क्लासरूम लेक्चर मिलेगा और दूसरे दिन हॉस्टल रूम से वह लेक्चर में शामिल होगा। इससे स्टूडेंट्स और टीचर्स का इंटरैक्शन प्रॉपर हो सकेगा।
- सैनिटाइजेशन काे ध्यान में रखते हुए हम ऐसे पैडल ऑपरेटेड सैनिटाइजर डिस्पेंसर का इस्तेमाल करेंगे, जो गेट्स पर लगेंगे।
आईसर: ऑल्टरनेट डे जा सकेंगे क्लासरूम में
आईसर के डायरेक्टर डॉ. शिवा उमापति ने बताया, आने वाले समय में कोई समर हॉलीडेज पर है, तो भी क्लासेस इफेक्टेड नहीं होंगी, फैकल्टीज स्टूडेंट्स की क्वेरी ऑनलाइन सॉल्व कर सकेंगे। प्रैक्टिकल आस्पेक्ट जो ऑनलाइन टीचिंग में मिसिंग होगा, उसके लिए क्लासरूम आना होगा।
- हम स्टूडेंट्स को ऐसी सुविधा देंगे, जिससे वे अपने होस्टल से भी क्लास लेक्चर में प्रेजेंट रह सकें। ऐसे में हर स्टूडेंट दो दिन में एक बार टीचर से आमने-सामने होकर पढ़ेगा।
- स्टूडेंट्स के कैंपस लौटने के बाद 28 दिनों तक ऑनलाइन क्लासेज ही।
- कैंपस में कोई बिना मास्क के दिखता है, तो दो बार उसे मास्क देंगे, तीसरी बार फाइन लगेगा।
- एक बार में क्लास के एक तिहाई बच्चे ही लेक्चर अटेंड कर पाएंगे। क्लासरूम में कुर्सियों की संख्या कम कर रहे हैं।
एनएलआईयू: लोकल स्टूडेंट्स घर से करेंगे क्लास अटेंड
एनएलआईयू भोपाल के कुलपति डॉ. वी. विजय कुमार ने बताया- कैंपस में क्लासरूम का साइज पहले ही काफी बड़ा है, सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर लेंगे। लेकिन, होस्टल में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए नए सत्र से भोपाल और आस-पास के स्टूडेंट्स को कैंपस होस्टल में रहने का ऑप्शन बंद करने वाले हैं। ताकि, सिर्फ दूसरे शहरों के स्टूडेंट्स ही होस्टल में रहें, उनको रूम ना शेयर करना पड़े।
आरजीपीवी: 25% एकेडेमिक वर्क ऑनलाइन
आरजीपीवी के कुलपति सुनील कुमार गुप्ता ने बताया-
- 5 नए लेक्चर हाॅल अभी तैयार हुए हैं, जिनकी कैपेसिटी 120 से 150 की है। जिस क्लास में स्टूडेंट्स ज्यादा हैं, उन्हें इन हॉल में शिफ्ट करेंगे।
- अब 25 प्रतिशत एकेडेमिक वर्क ऑनलाइन ही होगा। असाइनमेंट या डिजर्टेशन डिजीटली सब्मिट करना होगा। फैकल्टी उसे जांचकर ऑनलाइन ही रिजल्ट देगी।
- क्लासरूम में एग्जाम हॉल की तरह दूर-दूर सीटें लगाई जाएंगी। हर लेक्चर के बाद क्लास को 15 मिनट सैनिटाइजेशन के लिए खाली छोड़ा जाएगा। क्लासेस का शेड्यूल ऐसा होगा कि दो बैच एक साथ न हों।