यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इस बारे में आयोग के सचिव रजनीश जैन ने बताया कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिश्रित किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित कर सकते हैं। साथ ही परीक्षा के संचालन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाए गए दिशानिर्देशों का भी पालन किया जाएं।
UGC की गाइडलाइन के बाद सभी राज्यों में सितंबर के अंत तक परीक्षाओं आयोजित की जाएगी। यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने यह भी कहा कि स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करना बहुत महत्वपूर्ण है, और छात्रों की सुरक्षा हमारी प्रमुख चिंता है।
पहले जुलाई में होनी थी परीक्षा
सोमवार शाम यूजीसी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा आयोजित करने का समर्थन किया। आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइन में यूजीसी ने सितंबर के अंत तक अपने वैकल्पिक कैलेंडर को बदलने और संस्थानों को परीक्षा आयोजित करने को कहा। इससे पहले यूजीसी ने 29 अप्रैल को एक एकेडमिक कैलेंडर जारी किया था, जिसके मुताबिक यह परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित होनी थी।
कई राज्यों में रद्द हुई परीक्षाएं
वहीं, यूजीसी की गाइडलाइन्स आने से पहले ही कई यूनिवर्सिटीज ने अपने स्तर पर ही एग्जाम्स को लेकर फैसला ले लिया था। कई राज्यों में परीक्षाओं को रद्द तो कई ने स्थगित कर दिया था। वहीं, UGC की तरफ से जारी गाइडलाइन के बाद मध्य प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में परीक्षा कराने की यूजीसी की नई गाइडलाइन को लेकर हुई गफलत दूर हो गई है। इसी आधार पर मध्य प्रदेश में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही शिवराज सरकार के जनरल प्रमोशन के ऐलान और उसके बाद 6 जुलाई को जारी यूजीसी की गाइडलाइन में सितंबर में परीक्षा कराने के निर्देश पर हुई गफलत पर भी विराम लग गया है।
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