कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने जिला खनिज न्यासनिधि (डीएमएफ) से स्वीकृत ऐसे कार्याे को निरस्त कर दिया है जो अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं है। इन कार्यों के लिए स्वीकृत हुई राशि को जिला खनिज न्यास निधि के खाते में लौटाने के निर्देश एजेंसियों को दिए गए है।
जशपुर जिले में खनिज न्यास निधि डीएमएफ से अब तक कुल 829 कार्य लागत 106 करोड़ 58 लाख रुपए के काम मंजूर किए गए हैं, जिसमें से 668 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। स्वीकृत कार्यों में से 146 कार्य प्रगति पर हैं। डीएमएफ से स्वीकृति 15 कार्य जो अभी शुरू नहीं हो पाए है, उन्हें तत्काल निरस्त कर दिया गया है। ज्ञातव्य है कि जिला खनिज न्यास निधि से कार्याे की स्वीकृति से पूर्व विभिन्न सेक्टर जैसे शिक्षा, स्वास्थ, पेयजल अधोसंरचना के कार्यों की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाती रही हैं। इस कार्ययोजना का अनुमोदन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित शासी पारिषद करता है। शासी पारिषद में विधायक जशपुर, जिला पंचायत अध्यक्ष, जशपुर जिले के दो सरपंच एवं तीन खनिज पट्टेदार को सदस्य के रूप में नामित किया गया था। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इस शासी पारिषद के सदस्य सचिव थे। यह शासी पारिषद भंग कर दिया गया है।
फंड में गड़बड़ी करने के लगे हैं आरोप
डीएफएम मद के दुरूपयोग का आरोप हाल फिलहाल में ही कुनकुरी विधायक यूडी मिंज ने लगाया है। उन्होंने लोक कल्याणकारी कार्यों में डीएफएम की राशि खर्च ना कर गैर जरूरी कामों में खर्च करने की बात कहते हुए विधानसभा में प्रश्न उठाया था। नई सरकार के आते ही डीएफएफ फंड से राशि अनुमोदन के लिए गठित शासी परिषद को भंग कर दिया गया है। और अब कलेक्टर ने पूर्व में स्वीकृत ऐसे काम जो अबतक शुरू नहीं हुए हैं उस पर रोक लगा दी है।