नगर के बेजा कब्जा संघ ने विस्थापन को लेकर नगरपालिका सीएमओ से गुहार लगाई है। बुधवार को संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाने में प्रभावित हुए लोगांे को नए जगह में बसाने की मांग की। दरअसल, 28 दिसंबर 2012 को तत्कालीन एसडीएम रहे आईएएस अधिकारी कार्तिकेय गोयल ने नगर में बेजाकब्जा हटवाया था।
नगर पालिका सीमांतर्गत जितने बेजाकब्जा थे लगभग सबको हटाकर नए जगह बसाने की बात कही थी लेकिन छह साल हो गए परन्तु प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। जहां से बेजा कब्जा हटाया गया था वो जगह आज भी खाली पड़ी हुई है। इसको लेकर प्रभावितों द्वारा बेजा कब्जा संघ गठन कर लगातार अधिकारियों, नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
आज पर्यन्त तक शासन द्वारा प्रभावित को बसाने ध्यान नहीं दिया गया। इसको लेकर आज लिखित आवेदन उच्चाधिकारियों को दिया गया। ज्ञापन के अनुसार, पूर्व में समस्या का समाधान का निदान करने के लिए बेजा कब्जाधारियों ने जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय के पास क्रमिक भूख हड़ताल किया था तब सक्ती विधायक डॉ. खिलावन साहू ने बेजाकब्जाधारियों के पंडाल में जाकर अतिशीघ्र समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया था परंतु दो साल बीत जाने के बाद विधायक का ध्यान नहीं आया।
संघ ने विस्थापन के लिए मिली राशि की मांगी जानकारी
बेजा कब्जा संघ के पदाधिकारियों ने विस्थापन के लिए दी गई राशि की जानकारी भी उच्चाधिकारियों से मांगी है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने 14 लाख 25 हजार रुपए निकाय को व्यवस्थापन के लिए दुकानों की स्वीकृति कर अनुदान राशि दी थी परंतु उक्त राशि का क्या हुआ, इसकी जानकारी जनसूचना अधिकारी, नगर पालिका परिषद सक्ती से मांगी गई है। इसके अलावा बेजाकब्जा हटाने के दौरान तोड़े गए दुकानों का नापकर लिस्ट भी की गई थी। यह काम इंजीनियर नारायण प्रसाद आदित्य द्वारा किया गया था। संघ ने इसकी भी सत्यापित प्रति की मांग की है।