राज्य सूचना आयोग ने समय पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देने पर एक ग्राम सचिव पर पंद्रह हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आदेश में कहा गया है कि तीन प्रकरणों में पांच-पांच हजार का दंड उसके वेतन से काटकर शासन के कोष में जमा किया जाए।
सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत पण्डोनगर के तात्कालीन सचिव से आरटीआई एक्टीविस्ट डीके सोनी ने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाकर जानकारी मांगी थी। आवेदन बीस फरवरी 2017 और इसके बाद अलग अलग तारीखों में आवेदन दिया गया था। इस पर समयावधि में जानकारी नहीं मिलने पर डीके सोनी द्वारा प्रथम अपील दिनांक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सूरजपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसमें प्रथम अपीलीय अधिकारी ने पत्र जारी कर जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया था लेकिन उसके बाद भी ग्राम पंचायत के सचिव के द्वारा कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई। जिसके कारण धारा 18 के तहत सोनी ने राज्य सूचना आयोग में तीन अलग-अलग शिकायत प्रस्तुत की। शिकायत को आयोग ने पंजीबद्ध करते हुए जन सूचना अधिकारी को नोटिस जारी किया गया लेकिन सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद उनके विरुद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की गई।
इसके तहत जन सूचना अधिकारी ने धारा 7 के अंतर्गत निर्धारित 30 दिवस की अवधि में जानकारी प्रदान नहीं की और न ही सूचना मांगने के आवेदन का कोई निराकरण किया। इस पर आयोग ने आदेश पारित करते हुए जन सूचना अधिकारी पर तीनों प्रकरणों में कुल 15 हजार रुपए से दंडित किया गया है।