देवभोग| शहीद भोजसिंह टांडील्य के स्मारक के लिए दो लाख रुपये मिले थे, पिता ने और 10 लाख खर्च कर 12 लाख रुपये में भव्य स्मारक बनवा दिया। एक जिद है पिता की-सीएम आकर अनावरण करें और आईटीआई का नाम शहीद बेटे के नाम पर हो। इसके लिए 5 साल रुकना पड़े तो भी इंतजार करेंगे। 2 मई 2018 को आमामोरा की पहाड़ी पर सर्चिंग के दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आने से करचिया ग्राम के भोजसिंह टांडील्य शहीद हो गए थे।
गृहग्राम में शहीद के स्मारक निर्माण के लिये जिला पंचायत से 2 लाख रुपये की मंजूरी मिली थी, लेकिन पिता जागेश्वर टांडील्य ने शहादत के बाद मिले 60 लाख रुपये में से 10 लाख रुपए स्मारक निर्माण पर खर्च कर उसे भव्य बनवाया। निर्माण को पूरा हुए तीन माह हो गए हैं। उसके अनावरण के लिए पुलिस ने भी कई बार प्रयास किया, लेकिन पिता की जिद है कि मूर्ति का अनावरण प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल से ही करवाएंगे। इसके लिए उन्होंने दो बार सीएम को पत्र भी लिखा है।
शहीद भोजसिंह
ऐसा बना है भव्य स्मारक
शहीद स्मारक केे सामने खड़े पिता।
बेटे के कद के बराबर लगभग 6 फीट ऊंची 1 लाख 40 हजार रुपए खर्च कर राजस्थान से बनवाई गई है। गुंबज को भव्यतम रूप देकर स्टील रॉड से घेरा कर लाइट से आकर्षक स्मारक बनाने की कोशिश हुई है। स्मारक से लगी 20 डिसमिल जगह में बाउंड्रीवाल खड़ी कर उसे गार्डन के रूप में विकसित किया जा रहा है। पिता ने मूड़ागांव में संचालित आईटीआई संस्थान को शहीद बेटे भोजसिंह के नाम पर करने की मांग भी की है।
जिस तारीख को ज्वाइनिंग,उसी तारीख को हुए शहीद : 2 मई 2013 को भोजसिंह जिला पुलिस बल में भर्ती हुए थे। 2 मई 2018 को नक्सल मोर्चे पर निकला जिला बल आमामोरा में नक्सली बारूदी सुरंग की चपेट में आ गया, जिसमें भोज सिंह शहीद हो गए। कांकेर के लेखाराम बघेल भी शहीद हो गए थे।