सोमवार को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, पूर्ण राष्ट्रीय आयुष मिशन भारत सरकार, रायपुर नेचर क्योर क्लिनिक के संयुक्त तत्वाधान में निशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर बंगाली क्लब में लगाया गया।
शिविर प्रभारी डाॅ. शिखा कुरेटी ने बताया कि प्राकृतिक उपचार में मिट्टी से त्वचा की, उपवास चिकित्सा पद्धति से दिल की बीमारी समेत कई घातक बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंच तत्वों आकाश, जल, अग्नि, वायु और पृथ्वी को आधार मानकर चिकित्सा की जाती है। यदि त्वचा संबंधित किसी प्रकार की बीमारी होती है। उसे मिट्टी चिकित्सा पद्धति से दूर किया जा सकता है। मिट्टी, शरीर के दूषित पदार्थों को घोलकर और अवशोषित कर शरीर से बाहर निकालने का काम करती है।
उपवास चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि इससे कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसमें पका खाना या कोई आहार नहीं लिया जाता। केवल सब्जियों और फल का रस दिया जाता है। इससे मोटापा, पेट साफ, दिल की बीमारी और कैंसर के पहले स्टेज के मरीजों का उपचार किया जा सकता है। शिविर में 75 मरीजों ने अपना इलाज कराया। अधिकांश मरीज जोड़ों के दर्द व अन्य बीमारी की शिकायत लेकर पहुंचे थे। जिन्हें चिकित्सकों ने नियमित घरेलू उपचार कर स्वस्थ्य रहने की जानकारी दी । योग चिकित्सा शिविर परामर्श व मिट्टी पट्टी के प्रयोग संबंधी जानकारी दी। इस शिविर में आयुर्वेद चिकित्सक डा. अशोक कुमार वर्मा, पूर्णिमा राजपूत, होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डा जीएस ठाकुर, आयुर्वेद फार्मासिस्ट हेमलता साहू व सबिहा अल्बी, बुधारसिंह सुधाकर, आजाद कुमार अादि उपस्थित थे।
दल्लीराजहरा. चिकित्सा शिविर में मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टर।
शिविर के दौरान मैराथन प्रतियोगिता भी हुई
शिविर के पहले मैराथन दौड़ प्रतियोगिता हुई। जिसमें बालक व बालिकाओं ने हिस्सा लिया। विजेता प्रतिभा नेताम, सत्यवती सोरी, मूलचंद, मुन्ना, ढालेन्द्र को पुरस्कार दिया। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योगा प्रदर्शन करने वाले सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों का सम्मान किया गया।