- इस्पात मंत्रालय ने दी मंजूरी, पहली बार 33 हजार ज्यादा मौजूदा व रिटायर कर्मियों को लाभ
- वर्तमान स्थिति में पेंशन स्कीम की गणना करें तो 2 से 3 हजार रुपए ही मिलेंगे हर महीने
भिलाई. सेल बीएसपी में 12 साल के लंबे संघर्ष बाद पेंशन स्कीम को इस्पात मंत्रालय ने मंजूरी दे दी। इस संबंध में मंत्रालय ने सोमवार को सेल के साथ आरआईएनएल में भी स्कीम को लागू करने का आदेश जारी किया। आदेश में खास बात यह है कि घाटे वाले साल में कंपनी का अंशदान अफसरों के लिए 3 और कर्मियों के लिए 2 प्रतिशत रहेगा। जबकि प्रॉफिट वाले साल में अफसरों को 9 और कर्मियों को 6 प्रतिशत अंशदान का प्रावधान रखा गया है।
अफसरों के लिए 2007 और कर्मियों के लिए 2012 से पेंशन स्कीम
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अफसरों के लिए 2007 और कर्मियों के लिए 2012 से पेंशन स्कीम लागू होगा। यानि जो अफसर 2007 और जो कर्मी 2012 और उसके बाद रिटायर हुए या होंगे, उन्हें पेंशन मिलना तय हो गया है। बताया गया कि 31 मार्च 2016 तक रिटायर होने वाले कर्मियों को पेंशन देने के लिए प्रबंधन ने 475 करोड़ का प्रावधान कर रखा है।
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वहीं मार्च 2019 तक रिटायर होने वालों के लिए अगले वित्तीय 2019-20 में करीब 500 करोड़ रुपए का प्रावधान करने की योजना है। लंबे समय से इसकी मांग थी। बीएसपी के 3 हजार अफसर और 30 हजार कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे।
- 3000 अफसर बीएसपी के इससे लाभान्वित होंगे स्कीम लागू के बाद।
- 30000 कर्मचारी पेंशन स्कीम के लिए पात्र हो गए हैं बीएसपी के।
- 500 करोड़ रु का प्रावधान 2019 में रिटायर होने वाले कर्मियों के लिए।
- 475 करोड़ रु. का प्रावधान 2016 को रिटायर कर्मियों के लिए है।
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सितम्बर 2016 में आयोजित सेल-सेफी बैठक में पेंशन स्कीम पर प्रस्तुतिकरण
- पेंशन स्कीम को वर्ष 2016 के 23 नवंबर, 8 दिसंबर और 23 दिसंबर को सेल बोर्ड में प्रस्तुत किया गया।
- 9 फरवरी 2017 को सेल बोर्ड ने स्कीम को अनुमोदित किया गया।
- फरवरी 2017 को सेल बोर्ड ने अधिकारियों को बेसिक एवं डीए का 9% अंशदान और कर्मचारियों को 6% देना पारित किया।
- 2015-16 में सेल बोर्ड ने कंपनी की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पेंशन स्कीम पर अफोर्डेबलिटी क्लॉज लगाते हुए घाटे वाले वर्ष में अपना अंशदान अफसरों के लिए 3% व कर्मियों को 2% अंशदान का प्रस्ताव रखा।
- 24 मार्च 2017 को सेफी की पहल पर कोलकाता में एसईएसबीएफ मीटिंग में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया कि सेल प्रबंधन पेंशन योजना का प्रस्ताव मंत्रालय प्रेषित करें।
- 11 सितंबर 2017 को सेल बोर्ड द्वारा पेंशन प्रस्ताव मंत्रालय भेजा गया।
- 19 जुलाई 2018 को इस्पात मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए एवं 11 फरवरी 2019 को सेल व आरआईएनएल के रोड मैप का अनुमोदन कर पेंशन स्कीम को स्वीकृति प्रदान की गई।
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लाभ की स्थिति में अफसरों को 9, कर्मियों को 6% अंशदान देना होगा
किसी कर्मचारी का बेसिक और डीए एक लाख है। पेंशन स्कीम 2012 से लागू की जा रही है। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2018 तक 6 साल की अवधि में एक लाख पर प्रबंधन 6% के हिसाब से 6 हजार अंशदान देगा। प्रति वर्ष 72 हजार रुपए के हिसाब से 6 साल में 4.30 लाख रुपए जमा होगा।
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कर्मियों का दो प्रतिशत अंशदान के हिसाब से 1.20 लाख जमा होगा। इस तरह 6 साल में कर्मी की पेंशन खाते में 5.50 लाख जमा हो पाए। गाइड लाइन के मुताबिक ट्रस्ट प्रति एक लाख पर 605 रुपए ही हर महीने कर्मी को पेंशन के रूप में भुगतान करेगा। जो कुल जमा राशि का 2500 से 3 हजार होता है।
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इस स्कीम को लागू कराने के लिए हरेक यूनिट में होंगे फंड मैनेजर
प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को यह स्वतंत्रता प्रदान की गई है कि वे अपने स्तर पर फंड मैनेजर नियुक्त कर सकेगा। इस पेंशन फंड को ऑपरेट करने के लिए सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का बजटरी सहयोग प्रदान नहीं किया जाएगा।
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इसके लिए कंपनियों को स्वयं के लाभ से प्रबंध करना होगा। सेल प्रबंधन ने 26 नवंबर 2018 सेल पेंशन के लिए रोड मैप इस्पात मंत्रालय भेज दिया था। स्वीकृति 11 फरवरी के आदेश में मंत्रालय द्वारा की गई है।
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अंशदान को लेकर यूनियनों की मांग को प्रबंधन ने ठुकराया
इस्पात मंत्रालय ने यूनियनों की उस मांग को ठुकरा दिया है जिसमें लाभ और हानि होने की स्थिति में कंपनी की ओर से दिया जाने वाला अंशदान कम नही किया जाएगा। 11 फरवरी के आदेश में मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि पेंशन स्कीम निर्धारित शर्तों के अनुसार एवं डीपीई दिशानिर्देश के अनुसार लागू की जाएगी।
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इसे 19 जुलाई 2018 के परिपत्र में दिया गया था। पेंशन मद में कंपनी अंशदान कंपनी द्वारा अर्जित लाभ/हानि के अनुसार निर्धारित किया जाएगा व इसे प्रत्येक वित्त वर्ष के बाद पेंशन ट्रस्ट को पेंशन के वित्तीय प्रबंधन के लिए दिया जाएगा।
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12 सालों में महज 3 वित्तीय वर्ष घाटे में रही कंपनी, ज्यादा प्रभाव नहीं
इस्पात मंत्रालय ने भले ही लाभ और घाटे के हिसाब से कंपनी का अंशदान तय करने का निर्णय लिया है। लेकिन इससे कार्मिकों के आर्थिक हित बहुत अधिक प्रभावित नहीं होने वाले हैं। बीते 12 वर्षों में महज 3 वित्तीय वर्ष ही ऐसे रहे हैं जिनमें कंपनी घाटे में रही है।
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वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 शामिल है। तीनों वर्षों के बाद कंपनी वित्तीय वर्ष 2018-19 में एक बार फिर थोड़ा बहुत ही क्यों ना हो लेकिन प्रॉफिट में आ गई है।
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अब ट्रस्ट के सदस्यों के नाम तय होना बाकी
इस्पात मंत्रालय ने पेंशन स्कीम को भले ही मंजूरी दे दी है लेकिन स्कीम को संचालित करने वाले ट्रस्ट का गठन होना अभी भी बाकी है। इसके लिए पिछले महीने केंद्रीय यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ प्रबंधन ने कोलकाता में बैठक की थी। जिसमें ट्रस्टियों की संख्या 14 रखे जाने पर सहमति बनी लेकिन ट्रस्टियों के नाम तय नहीं हो पाए हैं।
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लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों का सुपरिणाम है
यह लंबे समय से किए जा रहे प्रयास का सुपरिणाम है कि आज इस्पात मंत्रालय द्वारा आवश्यक परिपत्र जारी कर सेल व आरआईएनएल में पेंशन स्कीम लागू करने का रास्ता साफ कर दिया गया।